हैदराबाद:
दिलसुखनगर में हुए बम धमाकों को लेकर तेलंगाना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। हाई कोर्ट ने इस मामले के आरोपियों को मौत की सजा देने का फैसला सही ठहराया है। मंगलवार को हाई कोर्ट ने हैदराबाद ब्लास्ट मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया। इसमें NIA यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्पेशल कोर्ट के पहले दिए गए फैसले को ही बरकरार रखा गया है।
हाई कोर्ट ने अख्तर, ज़िया-उर-रहमान, यासीन भटकल, तहसीन अख्तर और एजाज शेख को मौत की सजा सुनाई है। इन सभी पर बम धमाके करने का आरोप है। इन ब्लास्ट में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि इन लोगों को इनके किए की सजा मिलनी चाहिए।
दिलसुखनगर में हुए थे दो ब्लास्ट
घटना 21 फरवरी 2013 की है। दिलसुखनगर बस स्टैंड के पास कुछ मिनटों के अंतराल में एक के बाद एक दो बम धमाके हुए थे। पहला बम धमाका बस स्टैंड के ठीक सामने हुआ था और दूसरा धमाका लगभग 150 मीटर की दूरी पर हुआ।
टिफिन बॉक्स में छिपाकर रखे थे बम
बम धमाका करने वाले हमलावरों ने बमों को टिफिन बॉक्स में छिपाकर रखा था। इन धमाकों में 18 लोगों की जान चली गई और 130 लोग घायल हो गए थे।
एनआईए कोर्ट ने दी थी सजा-ए-मौत
NIA ने इस मामले की जांच की। जांच में पता चला कि इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन का यासीन भटकल मुख्य आरोपी है। NIA ने यह भी बताया कि पांच और आतंकवादी भी इस हमले में शामिल थे। NIA ने उन सभी को कोर्ट में पेश किया। लंबी सुनवाई के बाद, NIA स्पेशल कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोषियों ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
फरार है मुख्य दोषी रियाज भटकल
तेलंगाना हाई कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए NIA कोर्ट के फैसले को ही सही माना। कोर्ट ने कहा कि इन लोगों ने जो किया है, उसकी सजा मिलनी ही चाहिए। इस मामले का एक मुख्य दोषी रियाज भटकल अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। कोर्ट ने कहा कि उसे भी जल्द से जल्द पकड़कर सजा मिलनी चाहिए।