UP: नोएडा में बीटेक छात्र के फर्जी एनकाउंटर में थाना प्रभारी समेत 12 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा, घर से उठाकर मारा था

ग्रेटर नोएडा:

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की सीजेएम कोर्ट के आदेश पर जेवर थाना के तत्कालीन प्रभारी समेत 12 पुलिसकर्मियों पर मंगलवार को केस दर्ज किया गया है। पुलिसकर्मियों पर बीटेक छात्र को कस्टडी में रखकर मारपीट करने और सुनसान जगह पर ले जाकर आंख में पट्टी बांधकर गोली मारकर फर्जी मुठभेड़ दिखाने का आरोप है। कोर्ट के आदेश के आधार पर एसएचओ समेत 12 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है। अब इस मामले में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वहीं, पीड़ित के अधिवक्ता पंडित सीपी गौतम ने बताया कि इस मामले को लेकर सीबीसीआईडी जाएंगे, क्योंकि हमें डर है कि यहां पर जांच को बाधित किया जा सकता है।

बीटेक छात्र के पिता तरुण गौतम ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताया था और कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अधिवक्ता पंडित सीपी गौतम और विशाल गौतम ने बताया कि पीड़ित तरुण ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तीन वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। अब जाकर इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़ित ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें छात्र के पिता ने आरोप लगाया था कि 4 सितंबर 2022 को देर शाम कुछ पुलिसकर्मी बिना वर्दी के बिना किसी वारंट के उनके घर पहुंचे। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए गाली-गलौज की। घर में तोड़फोड़ कर अलमारी से रखे 22 हजार रुपये निकाल लिए। इसके बाद उन्हें जबरन गाड़ी में डालकर अज्ञात स्थान पर ले जाकर पीटा।

पुलिसकर्मियों ने पूछा कि उनका बेटा सोमेश कहां है। पुलिस ने कहा कि थाना जेवर क्षेत्र के नीमका गांव में एक मर्डर हुआ था, उसमें उनके बेटे का नाम सामने आया है। इस पर पीड़ित ने बताया कि उनका बेटा बीटेक की पढ़ाई कर रहा है और दिल्ली में कोचिंग करता है। पुलिसकर्मी बेटे सोमेश गौतम की तलाश में उन्हें दिल्ली लेकर गए। जहां उनके बेटे को बुरी तरह पीटा गया और जबरन थाना जेवर लाया गया। यहां मुझे और मेरे बेटे को बहुत पीटा गया। बेटे को करंट भी लगाया। पुलिसवालों ने हमें धमकी दी कि जैसे मैं बोलता हूं वैसे ही करो, नहीं तो तुम दोनों बाप-बेटे को जान से मार देंगे।

6 सितंबर 2022 की रात बेटे सोमेश के दोनों हाथ पीछे बांध दिए। उसकी आंख में पट्टी बांधकर पुलिस वाले उसे अज्ञात स्थान पर लेकर गए। जहां मुठभेड़ दिखाते हुए उसके पैर में गोली मार दी। उसकी गिरफ्तारी दिखा दी। मेरे बेटे के पास से बाइक और पिस्टल की बरामदगी दिखाई। पुलिसवालों ने बाद में मुझे धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया, तो जान से मार देंगे। इसके बाद पुलिसवालों ने उस पर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए। गैंगस्टर एक्ट लगा दिया। बेटे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मुझे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की डिमांड की। मेरे परिजनों ने रुपये का इंतजाम कर पुलिसवालों से मुझे छुड़ाया। पीड़ित का आरोप है कि उन्होंने कई बार इस घटना की शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन उनकी ओर से मामले में किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में थक हार कर न्याय की उम्मीद में कोर्ट के शरण में पहुंचा।

छात्र के पिता ने बताया पुलिस ने जब उन्हें छोड़ा, तो वह बेटे को बचाने में जुट गया। मैं जानता था कि वह बेगुनाह है। मैं दिल्ली गया, जहां मेरा बेटा किराये के कमरे में रहता था। वहां लगे आसपास के सीसीटीवी फुटेज मैंने जुटाए। फिर मैंने कोर्ट में दिल्ली से पुलिस के पकड़कर लेने जाने की सीसीटीवी फुटेज जमा कराई। जो केस में अहम साक्ष्य साबित हुआ। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था कि विपक्षी लोक सेवक हैं। इसके कारण पहले पुलिस कमिश्नर से आदेश लेना जरूरी है। कमिश्नर से अनुमति लेने के बाद मंगलवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया।

बता दें कि एक सितंबर, 2022 को नीमका गांव में हिस्ट्रीशीटर नागेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नागेश को सुंदर भाटी की गैंग का सदस्य बताया गया। इस मामले में पुलिस ने चमन, दिलीप, प्रवीण, जितेंद्र विजय विकास, सोमेश गौतम पर गैंगस्टर लगाया था।

पीड़ित ने घर से हिरासत में लिए जाने का सीसीटीवी फुटेज कोर्ट के समक्ष पेश किया। फुटेज में पुलिस वाले दोनों बाप-बेटे को कहीं ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अधिवक्ता विशाल गौतम ने यह सीसीटीवी फुटेज एनबीटी ऑनलाइन से भी साझा किया हैं। अधिवक्ता ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोमवार को केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद मंगलवार को पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इन पुलिसकर्मियों में थाना प्रभारी के अलावा 6 दारोगा और 5 कॉन्स्टेबल हैं।

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