नई दिल्ली:
बीजेपी वक्फ कानून के ‘लाभों’ के बारे में बताने के लिए पूरे देश में एक जनजागरण अभियान शुरू करने जा रही है। इस दौरान बीजेपी के एकमात्र मुस्लिम सांसद गुलाम अली ने कहा है कि लोगों को यह बताने की जरूरत है कि वक्फ कानून आम मुसलमानों के फायदे के लिए है। खास बात ये है कि गुलाम अली जम्मू और कश्मीर से आते हैं, जिन्हें भाजपा सरकार ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। बीजेपी 20 अप्रैल से 15 दिनों का एक विशेष अभियान चलाने जा रही है, जिसके माध्यम से वक्फ कानून को लेकर जनता को जानकारी दी जाएगी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुलाम अली ने कहा है कि वक्फ के नाम पर ‘भारी भ्रष्टाचार’ हो रहा था, इसलिए यह कानून जरूरी है। गुलाम अली ने कहा कि वह पार्टी के एक छोटे कार्यकर्ता हैं। उन्हें अभी तक बीजेपी से अभियान में अपनी भूमिका के बारे में कोई खास निर्देश नहीं मिला है। लेकिन पार्टी के लिए लोगों के बीच जाना जरूरी है। उन्हें यह बताना जरूरी है कि वक्फ के नाम पर क्या लूट हुई।
समय के साथ बदलाव जरूरी है- गुलाम अली
गुलाम अली ने राज्यसभा में भी इस कानून में संशोधन का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत, अगर कोई अधिकारी के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो हाई कोर्ट जाने का रास्ता खुल गया है। कुछ विपक्षी नेताओं ने वक्फ संपत्तियों को एक वेबसाइट पर पंजीकृत करने पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि अगर किसी कारण से पंजीकरण संभव नहीं हुआ तो क्या उन्हें अवैध मान लिया जाएगा। इस पर अली ने कहा कि समय के साथ बदलना जरूरी है।
‘गैर-मुसलमानों की मौजूदगी से कोई समस्या नहीं’
बीजेपी सांसद ने कहा कि एक समय था जब बिना निकाहनामा के शादी हो जाती थी, लेकिन अब निकाहनामा जरूरी है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण से मामले अधिक पारदर्शी होते हैं और मुकदमेबाजी का बोझ अपने आप कम हो जाता है। अली ने कहा कि आम मुसलमानों को ‘वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों की मौजूदगी से कोई समस्या नहीं होगी’।
‘वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग आवश्यक’
उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा वक्फ संपत्तियों का बेहतर और पारदर्शी प्रबंधन है। उनके मुताबिक ऐसा नहीं है कि मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को गैर-मुसलमानों को सौंपा जा रहा है। अली का कहना है कि यह सुनिश्चित करना अधिक आवश्यक है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग उस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है जिसके लिए उन्हें दान किया गया था।