दिल्ली: नवजात बच्चों की तस्करी के गिरोह का भंडाफोड़, अमीरों को 5 से 10 लाख में बेचे जाते थे मासूम

नई दिल्ली,

दिल्ली पुलिस ने एक इंटर स्टेट चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह पर आरोप है कि ये लोग राजस्थान और गुजरात से नवजात शिशुओं को चुराकर दिल्ली में 5 से 10 लाख रुपए में अमीर परिवारों को बेचते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक 3-4 दिन का नवजात शिशु भी बरामद किया है.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो महिलाएं- यासमीन और अंजलि, और एक पुरुष जितेंद्र शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, इस गिरोह की मास्टरमाइंड एक महिला सरोज है, जिसके इशारे पर ये लोग नवजात बच्चों की तस्करी करते थे.

पुलिस को मिला था इनपुट
द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि स्पेशल स्टाफ की टीम को इस गिरोह के बारे में एक महत्वपूर्ण इनपुट मिला था. इसके बाद पुलिस ने 20 संदिग्ध मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाले और करीब 20 दिन तक लगातार निगरानी की. इसके बाद इस तस्करी रैकेट का पर्दाफाश हुआ.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे गैंग की लीडर सरोज के कहने पर अस्पतालों, झुग्गियों और गरीब इलाकों को टारगेट करते थे. वहां से नवजात बच्चों को चोरी कर दिल्ली लाते थे. बगैर किसी कानूनी प्रक्रिया के 5 से 10 लाख रुपए में अमीर दंपत्तियों को सौंप देते थे. ये दंपत्ति ऐसे थे जो संतान नहीं होने के कारण ऐसे बच्चों को गोद लेने को तैयार रहते थे.

पहले भी मानव तस्करी मामले में जेल जा चुकी है अंजलि
चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार अंजलि पहले भी चाइल्ड ट्रैफिकिंग के एक मामले में जेल जा चुकी है. यह गिरोह सुनियोजित तरीके से काम करता था और राज्यों के बीच फैला हुआ था. फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि बरामद नवजात को कहां से चुराया गया और इस गैंग में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.

आरोपी अंजलि को पहले भी मानव तस्करी के एक ऐसे ही मामले में जेल जा चुकी है. सीबीआई ने एफआईआर संख्या 106/24, धारा 370(4)/120बी/34 आईपीसी और 81 जेजे एक्ट के तहत उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

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