भेल, भोपाल।
बीएचईएल भोपाल कारखाने में लंबे समय से जमे एक वरिष्ठ अफसर जून.2024 में प्रमोशन क्या पा गए उनकी दादागिरी का आलम चरम पर पहुंच गया है। विभाग के आम कर्मचारी ही नहीं बल्कि अफसर भी इनसे परेशान है। ब्लाक में उन्हें पॉवरफुल अफसर मान लिया हैं इसलिए उनकी शिकायत करने से कतराते है। कारण साफ है इन साहब का प्रमोशन के बाद दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था लेकिन अपने पॉवर का इस्तेमाल कर साहब ने ट्रांसफर में तीन माह फिर अगले तीन माह एक्सटेंशन ले लिया और जैसे विभाग के एक अफसर का तबादला झांसी क्या हुआ यह साहब इस विभाग के जलवेदार अफसर बन गए। यही कारण हैं उन्हें अपने पॉवर पर रहते हुए ट्रैक्शन मोटर के एक योग्य जानकार अफसर को अपने विभाग से अलविदा कर दिया। यहां तक के मोटर के जानकार दो प्रबंधक स्तर के अफसरों को इतना प्रताड़ित किया कि बीएचईएल जैसी महारत्न कंपनी को छोड़ने को ही मजबूर हो गए। मजेदार बात तो यह भी है कि यह दोनों बीएचईएल की प्रतिस्पर्धी कंपनी में मनमाफिक वेतन पर भी चले गए। चर्चा है कि इन सबके पीछे बड़ा लाभ शुभ जुड़ा है। यदि प्रतिस्पर्धी कंपनी अधिक मजबूत हो जाए इससे भी इस विभाग में काम कर चुके एक रिटायर महाप्रबंधक के हाथ होने की आशंका हैं क्योंकि उस समय से टीपीटीएन में वर्तमान साहब कर रहे हैं यही कारण सब गुपचुप चल रहा है। चर्चा तो यह भी है कि पीथमपुर की दो कंपनियों को भरपूर लाभ पहुंचाने भेल के टीपीटीएन ब्लॉक को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश जारी है। इस ब्लाक से चर्चा एक नहीं अनेक है। वर्ष 24.25 में करीब 300 मोटरें फेल होने की कहानी ब्लाक में आम हो गई है। ग्राहक नाराज हैं। रिपयेरिंग नाम पर महारत्न कंपनी को लाखों का चूना लग रहा है। लगातार घाटे में चल रही इस कंपनी को बेहतर मोटर देने के बजाए कस्टमर को कैसी मोटरें दी जा रही है यह बात न तो भेल के मुखिया से छिपी है और न ही ब्लाक के कर्मचारी और अधिकारियो से। फिर भी इस पॉवर फुल अफसर पर कोई कार्यवाही करने जहमत नहीं उठाता। अब तो सिर्फ उच्च स्तरीय जांच का इंतजार ही बाकी है।