‘मुन्ना भाई’ बनकर परीक्षा देने पहुंचा बिहार का सोनू, फिंगरप्रिंट से खुल गया सारा भेद, राजस्थान से निकला कनेक्शन

भोपाल:

लोअर डिविजन क्लर्क यानि एलडीसी बनने की चाहत ऐसी रही कि युवक वह अपराध कर बैठा जिसमें पकड़ आना बेहद आसान था। फिर भी रिस्क लेकर दूसरे की जगह पेपर देने पहुंच गया, लेकिन तकनीक के चलते वह पकड़ा गया। अब पुलिस की जेल में हवा खा रहा है।

मामला भोपाल के बंगरसिया क्षेत्र का है। यहां पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। वह सीबीएसई की ओर से एलडीसी पद पर भर्ती परीक्षा देने आया था, जबकि उसने फॉर्म भरा ही नहीं था। जांच में पता चला कि यह आरोपी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने आया था। वह जांचकर्ताओं को गुमराह करते हुए क्लासरूम में जाने लगा, लेकिन वहां पर डिजिटल वेरीफिकेशन चल रहा था। उसके आधार से जुड़े फिंगरप्रिंट मिसमैच होने हो गए। इसके बाद चेकिंग स्टाफ ने तत्काल उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

फिंगरप्रिंट से खुल गया सारा भेद
सोमवार को पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। पुलिस के अनुसार आरोपी सोनू यादव बिहार के पटना शहर का निवासी है। वह राजस्थान के दौसा के निवासी बबलेश मीणा की जगह पर सीबीएसई की एलडीसी परीक्षा देने आया था। यह परीक्षा सेंट्रल स्कूल बंगरसिया में आयोजित की गई थी। जब वह पेपर देने के लिए क्लासरूम में प्रवेश कर रहा था। तो जांचकर्ताओं ने उसके फिंगरप्रिंट लिए, जो कि मिसमैच हो गए। पूछताछ करने पर उसने स्टाफ को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। पकड़े जाने पर वह भागने लगा। वहां पास खड़े सुरक्षा गार्डों ने उसे पकड़कर ड्यूटी में तैनात पुलिस स्टाफ के हवाले कर दिया।

भागने की फिराक में था आरोपी
बताया जा रहा है कि आरोपी सोनू यादव की तलाशी में उसके पास से उसकी पहचान का कोई दस्तावेज नहीं मिला। तमाम प्रयासों के बाद भी उसने अपनी असल पहचान तक नहीं बताई। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। हालांकि दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के एवज में उसे कितना पैसा मिला, इस बात की जानकारी उसने नहीं दी है। पुलिस उसे सख्ती से पूछताछ में जुटी है, पता लगाया जा रहा है कि कहीं पहले भी तो उसने ऐसे कोई प्रयास नहीं किये हैं।

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