इस्लामाबाद
पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे भारतवासियों को स्तब्ध कर दिया है। आतंकियों ने धर्म की पहचान कर लोगों को गोलियां मारी हैं। इस हमले में 28 पर्यटक मारे गये हैं। जिसके बाद संभावना है कि भारत सरकार कोई ना कोई सख्त एक्शन जरूर लेगी। भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर कहा है कि “भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” अमित शाह ने जीवित बचे लोगों से भी मुलाकात की और आश्वासन दिया, कि हमला करने वाले आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। भारत इससे पहले दो बार पाकिस्तान में घुसकर हमले कर चुका है। पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया था तो पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक किया था।
हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े एक संगठन ने ली है। लेकिन हम आपको दिखाते हैं कि पाकिस्तान में स्थिति आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना कहां है, जहां भारत को हमला करने की जरूरत है। बहावलपुर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का दफ्तर है, जिसका लगातार विस्तार हो रहा है। इसी साल मार्च में इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जैश-ए-मोहम्मद लगातार अपने ठिकाने का विस्तार कर रहा है। इंडिया टूडे ने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया कि जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह का आकार दोगुना होकर 18 एकड़ से ज्यादा हो गया है। इसका निर्माण साल 2011-12 में किया गया था और अब इसका आकार पहले के मुकाबे दोगुना ज्यादा हो चुका है।
जैश-ए-मोहम्मद का ‘आतंक का सेंटर’
इंटेल लैब के शोधकर्ता डेमियन सिमोन की तरफ से दिए गये सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर मार्च में दावा किया था कि साइट पर निर्माण की रफ्तार 2022 के अंत में काफी तेज हो गई थी। हालांकि दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान ने जैश को बैन कर रखा है, लेकिन असल में पाकिस्तान में ये आतंकी संगठन बहुत अच्छे से फलफुल रहा है। उस्मान-ओ-अली परिसर का उपयोग आतंकवादी संगठन की तरफ से नये आतंकियों की भर्ती और धन उगाही के लिए बेशर्मी से किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक 16 फरवरी 2025 को जैश-ए-मोहम्मद की एक सभा हुई थी। ये सभा ‘इंफाक फी सबीलिल्लाह’ (अल्लाह की राह में खर्च) अभियान का हिस्सा था। इसका आयोजन इसके केन्द्रीय हॉल में किया गया था। इस कार्यक्रम को जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेताओं में से एक और इसके संस्थापक मसूद अजहर के भाई तल्हा अल-सैफ ने संबोधित किया था।
साइमन ने बताया था कि “इमेजरी विश्लेषण से पता चलता है कि सुभान अल्लाह मस्जिद परिसर का काफी विस्तार हुआ है, जिसका क्षेत्रफल लगभग दोगुना होकर लगभग 18 एकड़ हो गया है। इसके विस्तार करने के पीछे की वजह बहुत ज्यादा संख्या में लोगों की भीड़ को जुटाना है।” जैश के इस सेंटर में कई नई इमारतें दिख रही हैं, एक मस्जिद और पशुओं के अस्तबल हैं। इसके अलावा ताजा रिपोर्ट्स से ये भी पता चलता है कि निर्माण अभी भी चल रहा है। साइमन ने कहा कि इस परिसर के चारों तक सुरक्षा को भी सख्त किया गया है और कई सुरक्षा चौकियों का निर्माण किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के कार्यक्रमों का वीडियो बनाना वर्जित है, लेकिन अकसर इसके ऑडियो रिकॉॉर्डिंग को उसके समर्थकों के बीच प्रचार के लिए भेजा जाता है। आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया गया और वो अप्रैल 2019 से सार्वजनिक रूप से गायब है। माना जाता है कि वो ISI के सुरक्षा बेड़े में रहता है। जब भारतीय वायुसेना ने 2019 में उसके एक ट्रेनिंग शिविर पर हमला किया था, उसके दो महीने के बाद उसके पेशावर ठिकाने पर विस्फोट हुआ था, उसके बाद से ही वो गायब है। पाकिस्तानी सैन्य संस्थानों के साथ ओसामा की नजदीकी से तुलना करते हुए इस जगह को ‘नया एबटाबाद’ कहा जाता है। यह जगह बहावलपुर सेना छावनी से सिर्फ 6 किलोमीटर और बहावलपुर वायु सेना स्टेशन से 10 किलोमीटर दूर है। यह नेशनल हाईवे से भी जुड़ा हुआ है, जो दक्षिण में कराची से उत्तर में पेशावर तक फैला है और हैदराबाद, मुल्तान, लाहौर और रावलपिंडी जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ता है।