भारत कम करे परमाणु हथियार… पहलगाम हमले के बीच पाकिस्तान के टॉप जनरल ने किया आह्वान, मुनीर सेना चल रही नई चाल?

इस्लामाबाद:

पहलगाम में हुआ आतंकवादियों के हमले से भारत में भारी गुस्सा है। पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की जा रही है। इन सबके बीच मंगलवार को पाकिस्तान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने भारत से परमाणु जोखिम न्यूनीकरण के लिए पारस्परिक उपाय करने का आह्वान किया है। उन्होंने भारत से परमाणु युद्ध के जोखिम को कम करने के लिए पारस्परिक काम करने का आह्वान किया है। इसके अलावा उन्होंने जियो-स्ट्रैटजिक संतुलन बनाए रखने की जरूरत पर भी जोर देने की कोशिश की है। पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ये बयान उस वक्त आया है जब कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत के पास अब पाकिस्तान की तुलना में ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इसके अलावा भारत के पास उन परमाणु बमों को काफी तेजी से गिराने वाले मिसाइलें भी हैं, जिन्हें ट्रैक करने की क्षमता पाकिस्तान के पास नहीं है।

जनरल मिर्जा ने दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘उभरती प्रौद्योगिकियों के युग में परमाणु निवारण’ कार्यक्रम के दौरान परमाणु हथियारों को लेकर ये बयान दिया है। उन्होंने अपने भाषण में कहा है कि “दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता सिर्फ परमाणु जोखिम न्यूनीकरण के लिए पारस्परिक उपायों और व्यापक भू-रणनीतिक संरचना में संतुलन स्थापित करने के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है।” इस कार्यक्रम का आयोजन इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्ट्रैटेजिक स्टडीज (सीआईएसएस) ने किया था।

पाकिस्तानी जनरल की भारत से अपील
पाकिस्तान के जनरल भले ही परमाणु हथियारों को लेकर ऐसी अपील कर रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि भारत, पाकिस्तान पर कैसे भरोसा करे? पहलगाम में जिस तरह से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने हमले किए हैं, जिस तरह से धर्म पूछकर पर्यटकों की हत्या की गई है, वो विभत्स और भयानक है। डॉन का दावा है कि पाकिस्तान ने अतीत में भारत के साथ परमाणु जोखिम न्यूनीकरण के मकसद से कई प्रस्ताव रखे हैं, जिनमें आपसी विश्वास, पारदर्शिता और संकट संचार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। लेकिन अतीत ने यही सिखाया है कि पाकिस्तान पर भरोसा किसी भी हाल में नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान का दावा रहा है कि उसने 2012 और 1990 के दशक में भारत को परमाणु हथियारों के न्यूनीकरण को लेकर प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत ने अलग-अलग रणनीतिक प्राथमिकताओं का हवाला देते हुए और चीन को “प्राथमिक खतरा” बताते हुए इन प्रस्तावों को लगातार खारिज किया है।

भारत और पाकिस्तान, दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। दोनों देशों ने पिछले कई सालों में लगातार अपने परमाणु शस्त्रागार में वृद्धि की है, भारत ने हाल ही में वारहेड्स की संख्या के मामले में पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। ताजा रिपोर्ट्स में संभावना जताई गई है इस वर्ष जनवरी में भारत के ‘संग्रहित’ परमाणु हथियारों की संख्या 180 थी, जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या 170 थी। इसमें कहा गया है कि भारत ने 2023 में अपने परमाणु शस्त्रागार में विस्तार किया है।

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