नई दिल्ली
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है और हर जगह से मांग उठ रही है कि आतंकवादियों को और आतंक के सरगना पाकिस्तान को करार जवाब दिया जाए। भारतीय सेना एक बार आतंकियों के ठिकाने पर सर्जिकल स्ट्राइक और एयरफोर्स आतंकियों के ठिकाने पर एयर स्ट्राइक कर चुकी है। लेकिन एलओसी पार आतंक के लॉन्च पैड फिर भरे हैं। सरकार ने कहा है कि माकूल जवाब दिया जाएगा, लेकिन आतंकियों और आतंकियों के आकाओं के खिलाफ एक्शन के क्या विकल्प हैं?
स्ट्राइक ऑप्शन, पर इसकी अपनी चुनौती
इंडियन आर्मी में डीजी इंफ्रेंट्री के पद से रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी कहते हैं कि आतंकवादियों और आतंक के आका पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए आर्म्ड फोर्सेस तो पूरी तरह तैयार हैं। एक्शन क्या होगा ये फैसला सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि आर्मी पहले सर्जिकल स्ट्राइक और एयरफोर्स एयरस्ट्राइक कर चुकी है। इसलिए पाकिस्तान भी इस बार अलर्ट होगा और ऐसे में सरप्राइज एलिमेंट कम हो जाता है। स्ट्राइक एक ऑप्शन है लेकिन इस बार इसकी अपनी चुनौतियां होंगी। उन्होंने कहा कि पीओके तो हमारा ही एरिया है तो वहां हम आतंकियों को ठोक सकते हैं, उनके लॉन्च पैड को ठोक सकते हैं। अगर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत कुछ करता है तो इसकी संभावना कम लगती है कि चीन दखलअंदाजी करेगा क्योंकि वह अमेरिका से साथ टैरिफ वॉर में उलझा है।
ओजीडब्लू पर शिकंजा जरूरी
सुरक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि आतंकवादियों के लिए काम कर रहे ओजीडब्लू यानी ओवर ग्राउंड वर्करों पर शिकंजा कसना बहुत जरूरी है। पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ कुछ लोकल लड़के हैं, चाहे अपनी मर्जी से या फिर जोर जबरदस्ती से, वे आतंकियों का साथ दे रहे हैं। उनके इर्द-गिर्द के लोगों के जरिए जानकारी जुटानी जरूरी है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि जिन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एलओसी से करीब 150-200 किलोमीटर अंदर आतंकी हमले को अंजाम दिया है, वे वह निकल कर जाने ना पाएं।
सीजफायर का क्या मतलब
रक्षा एक्सपर्ट कहते हैं कि पाकिस्तान जिस तरह आतंकियों को लगातार भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है उससे अब सीजफायर का कोई मतलब नहीं रह जाता। पाकिस्तान सीजफायर का फायदा ही उठा रहा है। स्ट्राइक के अलावा क्या ऑप्शन हो सकते हैं इस पर लेफ्टिनेंट जनरल कुलकर्णी कहते हैं कि इंडुस वॉटर ट्रीटी को खत्म कर देना चाहिए और पाकिस्तान का पानी बंद कर देना चाहिए। साथ ही पाकिस्तान को एक्सपोज करने के साथ ही आइसोलेट करने पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के लोगों का भरोसा बनाए रखना और हौसला अफजाई भी जरूरी है। अगर सिक्योरिटी को लेकर लोगों के अंदर डर आने लगे तो आतंकियों के मंसूबे पूरे होंगे। अमरनाथ यात्रा में संख्या कम नहीं होनी चाहिए और कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
11 दिन बाद की थी सर्जिकल स्ट्राइक
साल 2016 और तारीख 18 सितंबर। तब जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर के पास आर्मी हेडक्वार्टर में सुबह 5 बजे जब सेना के जवान सो रहे थे, तब चार हथियारबंद आतंकवादियों ने सोते हुए जवानों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकवादियों को मौके पर ही ढेर कर दिया लेकिन इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हुए। इसके 11 दिन बाद भारतीय सेना के स्पेशल कमांडोज ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। सेना के कमांडोज हेलीकॉप्टर से एलओसी के पास उतरे और जमीन के रास्ते जाकर छह आतंकवादी कैंप तबाह कर दिए जिसमें करीब 40 आतंकवादियों का सफाया हुआ।
12 दिन बाद एयर स्ट्राइक
साल 2019 तारीख 14 फरवरी। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया। जैश-ए-मोहम्मद का एक आत्मघाती हमलावर विस्फोटक से भरी कार लेकर काफिले की गाड़ी से टकरा गया। इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए। 12 दिन बाद 26 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट ने बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की और आतंक के लॉन्च पैड ध्वस्त किए। जिसमें 200 से ज्यादा आतंकवादियों का सफाया हुआ।