नई दिल्लीः
पहलगाम में आतंकी हमला के बीच दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक कर्मचारी केक लेकर अंदर जा रहा था। मीडिया ने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने कुछ नहीं बोला कि आखिर किस खुशी में ये केक अंदर लेकर जा रहे हो। पाकिस्तान दूतावास में केक लेकर जाने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान खुश है। सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन पाकिस्तान कर्मचारी का जवाब न देना कई सवाल खड़े करता है।
पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर सुरक्षा हटी
भारत-पाकिस्तान संबंध का असर दिखने लगा है। दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास की सुरक्षा भी कम कर दी गई है। अभी पाकिस्तानी दूतावास के बाहर सन्नाटा छाया हुआ है। कोई सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आ रहा है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में यह बताया गया कि इस हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें हैं। यह हमला उस समय हुआ, जब केंद्रशासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है। हमले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएस ने कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया।
पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा।
वहीं, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसी तरह भारत भी इस्लामाबाद में स्थित अपने सैन्य सलाहकारों और पांच सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा। दोनों देशों के उच्चायोगों की कुल कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई तक प्रभावी किया जाएगा।