इस्लामाबाद
पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को भारत के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। पाकिस्तानी सेना की प्रॉपगैंडा विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भारत पर आतंकवाद का आरोप मढ़ दिया। बिना सबूत दिखाए अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कहा कि आज प्रेस ब्रीफिंग स्थानीय और विदेशी मीडिया को मौजूदा स्थिति के बारे में “एक विशेष स्थिति” के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित की जा रही है। लेकिन, बाद में उन्होंने इस मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ जमकर जहर उगलने के लिए किया।
भारत पर आतंकवाद का लगाया आरोप
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने आरोप लगाया, “भारत पाकिस्तान के खिलाफ राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद में शामिल है।” हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में एक भी सबूत पेश नहीं किया। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले को सात दिन हो चुके हैं, फिर भी पाकिस्तान के खिलाफ लगाए गए ‘निराधार आरोपों’ को साबित करने के लिए एक भी सबूत पेश नहीं किया गया है।”
पाकिस्तानी आतंकियों को हथियार देने का किया दावा
डीजी आईएसपीआर ने दावा किया कि भारत पाकिस्तान के अंदर ‘आतंकी नेटवर्क’ संचालित करता पाया गया है, जिसमें विस्फोटक, आईईडी और अन्य घातक सामग्री आतंकवादियों को मुहैया कराई जा रही है, जिसका उद्देश्य न केवल सुरक्षा बलों को बल्कि निर्दोष नागरिकों को भी निशाना बनाना है। उन्होंने कहा, “यह अकाट्य सबूत भारत द्वारा संचालित राज्य प्रायोजित आतंकवाद के व्यापक पैटर्न का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है।”
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में चरम पर तनाव
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे। यह कश्मीर में 2000 के बाद से नागरिकों पर सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक था। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। भारत ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों को भी पहचान कर ली है।