नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए। वहीं लगातार हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे। ये बैठक इसलिए भी अहम माना जी रही है क्योंकि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था, जा संघ प्रमुख पीएम के सरकारी आवास पहुंचे थे।
आतंकी हमले पर हुई चर्चा
सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में हुई। बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इन बैठकों से संकेत मिलता है कि सरकार इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।
RSS ने की पहलगाम हमले की निंदा
आरएसएस ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। संगठन ने इसे राष्ट्र की एकता और अखंडता पर हमला करार देते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। आरएसएस ने अपने बयान में कहा, ‘सभी राजनीतिक दलों और संगठनों को आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर इस आतंकी हमले की निंदा करनी चाहिए। सरकार को प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक राहत और सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए और इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की उपयुक्त सजा सुनिश्चित करनी चाहिए।’
सुरक्षा और राहत पर जोर
पहलगाम हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। सरकार ने प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए त्वरित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस मुलाकात को केंद्र सरकार और संघ के बीच समन्वय का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, ताकि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाई जा सके।