चंडीगढ़
हरियाणा के आईएएस अफसर अशोक खेमका बुधवार को रिटायर हो गए। अपनी ईमानदारी और नियमों का पालन करने के लिए चर्चित खेमका का 34 साल के करियर में 57 बार तबादला किया गया। 2012 में अशोक खेमका की चर्चा पूरे देश में हुई, जब उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ कंपनी से जुड़े एक जमीन सौदे को 2012 में रद्द कर दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने वाड्रा के खिलाफ हुई कार्रवाई को चुनावी मुद्दा बनाया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव में जमीन सौदे की खूब चर्चा हुई और प्रदेश में सरकार बदल गई। इसके बाद भी खेमका बड़े विभागों से दूर रहे। उन्हें अपने करियर के अंत में अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया।
सीएम खट्टर को बताया था दर्द
1991 बैच के आईएएस अफसर अशोक खेमका का करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। हरियाणा में सरकारें बदलती रहीं और पूर्व आईएएस का ट्रांसफर होता रहा। उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े सौदे को रद्द कर कांग्रेस सरकार से दुश्मनी मोल ले ली थी। तब बीजेपी ने आरोप लगाया था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार व्हिसलब्लोअर बने खेमका से बदला ले रही है। खुद खेमका ने कई बार सोशल मीडिया पर और सरकार को पत्र लिखकर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया था। 2019 में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके कुछ तबादले जनहित में नहीं थे, बल्कि बाहरी और व्यक्तिगत कारणों से किए गए थे।
एक चिट्ठी, जिसकी खूब हुई चर्चा
बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी अशोक खेमका तबादलों से नहीं बच सके। नई सरकार से भी उनकी नहीं पटी। उनकी मनोहर लाल खट्टर को लिखी एक चिट्ठी की चर्चा भी खूब हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2014 के चुनावों के समय देश से किया गया वादा अब भुला दिया गया है। खेमका ने कहा था कि शासन अब सेवा नहीं, बल्कि एक व्यवसाय है। मेरे जैसे कुछ ही मूर्ख होंगे जो जनता के विश्वास के ट्रस्टी की तरह सोचेंगे और काम करेंगे। उम्मीद है कि आप इस पत्र को कूड़ेदान में नहीं फेंकेंगे। मैं आपसे यह भी अनुरोध करता हूं कि आप मुझे प्रधानमंत्री से मिलने और इस मुद्दे पर बात करने की अनुमति दें।
अब कोर्ट में वकालत करेंगे खेमका
उन्हें पिछले दिसंबर में मंत्री अनिल विज के नेतृत्व वाले विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। बताया जाता है कि उनके तेवर और वर्किंग स्टाइल को देखते हुए हर मंत्री अपने डिपार्टमेंट से दूर ही रखना चाहते थे। कुछ समय के लिए अनिल विज के साइंस-टेक्नॉलोजी डिपार्टमेंट में तैनाती मिली थी। मगर राजनेताओं के बिगड़े रिश्ते के कारण पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और फिर बीजेपी ने उन्हें पुरातत्व और संग्रहालय विभाग में रखा। सिविल सर्विसेज की नौकरी पूरी करने के बाद अशोक खेमका नई पारी शुरू करने को तैयार हैं। खेमका ने बताया कि वे अब वकील के तौर पर नई शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं बार काउंसिल में वकील के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करूंगा।