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चंद्रमा पर 9 साल में 35000 बार आए भूकंप! 50 साल पुराने डेटा में नया खुलासा, नासा के वैज्ञानिक भी हैरान

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टोक्यो

चंद्रमा को लेकर एक बड़ी खोज सामने आई है। दशकों पुराने अपोलो मिशन डेटा की समीक्षा के जरिए पहले नजरअंदाज किए गए हजारों चंद्रमा भूकंपों का संकेत मिला है। यह खुलासा चंद्रमा और भविष्य के मानव मिशनों के लिए तैयारी में काम आ सकता है। यह परीक्षण टोक्यो यूनिवर्सिटी के ग्रह भूकंप विज्ञानी कीसुके ओनोडेरा द्वारा किया गया है, जिन्हें 20000 चंद्रमा भूकंपों के प्रमाण मिले। ओनोडेरा ने 5 जुलाई को जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च प्लैनेट्स में कहा, ‘चंद्रमा पर अधिक टेक्टोनिक घटनाएं हुई हैं। यह पहले की तुलना में अधिक टेक्टोनिक रूप से सक्रिय है।’

साइंस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक 1960 से 1970 के दशक तक चंद्रमा पर उतरने वाले अपोलो मिशन अपने साथ दो प्रकार के भूकंपमापी यंत्र ले गए थे। भूकंपमापी में से एक चंद्रमा की सतह के अंदर से पैदा होने वाली लंबी भूकंपीय तरंगों को माप सकता है और दूसरा छोटी भूकंपीय तरंगों का पता लगा सकता है जो अधिक ऊर्जा ले जाती हैं या चंद्रमा की सतह के करीब होती हैं। इन यंत्रों ने 1969 से 1977 तक लगाता भूकंपीय ऊर्जा का डेटा इकट्ठा किया। 13000 से ज्यादा भूकंपीय घटनाओं का मूल्यांकन किया।

उलझे हुए डेटा को सुलझाया
हालांकि छोटे भूकंपीय तरंगों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले भूकंपमापी के डेटा को अन्य स्रोतों के साथ इतना उलझा दिया गया कि बाद में इसे अनुपयोगी माना गया। भूकंपमापी से डेटा आकृतियों में रिपोर्ट किया जाता है क्योंकि मीटर भूकंपीय तरंगों का आकार बनाते हैं। आकृतियों को देख कर वैज्ञानिक भूकंप की उत्पत्ति को समझ सकते हैं। पिछले साल ओनोडेरा इस डेटा को सुलझाने लगे। तब तक किसी भी चंद्र वैज्ञानिक ने ऐसा नहीं किया था।

22000 भूकंपों का पता लगाया
डेटा को सुलझाने के बाद ओनोडेरा ने 22,000 भूकंपीय घटनाओं को पता लगाया। इससे कुल ज्ञात संख्या 35000 से ज्यादा हो गई है। ओनोडेरा ने कहा, ‘सबसे आश्चर्य की बात है कि मैंने 22000 भूकंपों का पता लगाया। यह मूल डेटाबेस की तुलना में बहुत अधिक संख्या में घटनाएं हैं। यह ऐसी चीज है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।’ ओनोडेरा ने प्रत्येक घटना के ग्राफ को देखकर इसकी पहचान की और उन्हें आकार के आधार पर वर्गीकृत किया।

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