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राष्ट्रपति कोई भी हो, मां लंका की मदद करता रहे भारत… श्रीलंका के नेता की पीएम मोदी से भावुक अपील

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कोलंबो

श्रीलंका में बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव होना है। 44 साल में यह पहला मौका होगा, जब सांसद सीधे तौर पर राष्ट्रपति के विए वोट डालेंगे। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और विपक्ष के उम्मीदवार दुल्लास अल्हाप्पेरुमा के बीच बताया जा रहा है। इस बीच श्रीलंका के विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमादासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भावुक अपील की है। साजिथ प्रेमदासा ने आज ही विपक्षी उम्मीदवार के समर्थन में अपना पर्चा वापस ले लिया था। जिसके बाद चुनाव में तीन उम्मीदवार ही बचे हैं। दावा किया जा रहा है कि विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद साजिथ प्रेमदासा को प्रधानमंत्री बनाने का आश्वासन दिया है।

साजिथ बोले- कोई भी राष्ट्रपति बने, भारत मदद करता रहे
साजिथ प्रेमादासा ने ट्वीट कर कहा कि चाहे कल श्रीलंका का राष्ट्रपति कोई भी हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के सभी राजनीतिक दलों और भारत के लोगों से मेरा विनम्र और विनम्र अनुरोध है कि वे इस आपदा से बाहर आने के लिए श्रीलंका और उसके लोगों की मदद करते रहें। जानकारों के अनुसार पड़ोसी देश श्रीलंका को करीब 2.2 करोड़ की अपनी आबादी की बुनियादी जरूरतें पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में पांच अरब डॉलर की जरूरत होगी। पिछले कई महीनों से देश में जरूरी सामान और ईंधन की किल्लत बनी हुई है।

कौन हैं साजिथ प्रेमदासा
साजिथ प्रेमदासा श्रीलंका के वर्तमान विपक्ष के नेता और कोलंबो जिले से सांसद हैं। वह समागी जन बालवेगया के वर्तमान नेता भी हैं। प्रेमदासा रणसिंघे प्रेमदासा के पुत्र हैं, जो 1989 से 1993 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रवेश करने से पहले एस थॉमस प्रिपरेटरी स्कूल, रॉयल कॉलेज, कोलंबो और मिल हिल स्कूल में शिक्षा प्राप्त की थी। 1993 में जब उनके पिता की हत्या कर दी गई, तब वे मैरीलैंड विश्वविद्यालय में अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे। वे श्रीलंका लौट आए और राजनीति में प्रवेश किया, हंबनटोटा जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए, यूनाइटेड नेशनल पार्टी में शामिल हो गए।

गोटबाया के खिलाफ लड़ा था राष्ट्रपति चुनाव
साजिथ प्रेमदासा साल 2000 में पहली बार सांसद बने और उन्हें 2001 में स्वास्थ्य उपमंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें 2011 में यूनाइटेड नेशनल पार्टी का उप नेता नियुक्त किया गया था। साजिथ प्रेमदासा को 2015 में राष्ट्रपति सिरिसेना की राष्ट्रीय सरकार में आवास और समृद्धि का कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। उन्होंने नवंबर 2019 में यूनाइटेड नेशनल फ्रंट से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में 2019 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, लेकिन गोटबाया राजपक्षे से हार गए। दिसंबर 2019 में, उन्हें विपक्ष के नेता और श्रीलंका की संवैधानिक परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था।

1978 के बाद पहली बार सांसद चुनेंगे देश का राष्ट्रपति
श्रीलंका में 1978 के बाद से संसद ने कभी भी राष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान नहीं किया है। 1982, 1988, 1994, 1999, 2005, 2010, 2015 और 2019 में राष्ट्रपति का चयन जनादेश के माध्यम से हुआ था। इससे पहले, श्रीलंका में राष्ट्रपति पद महज एक बार 1993 में तब मध्यावधि में खाली हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी। उस समय प्रेमदासा के बाकी के कार्यकाल के लिए संसद द्वारा डीबी विजेतुंगा को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुना गया था।

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