नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पिछले दो हफ्ते से भर्ती हैं। इस बीच, सीबीआई ने उनके खिलाफ किरु हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 2200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। अस्पताल के बिस्तर से मलिक ने एक्स पर एक भावुक पोस्ट शेयर कर केंद्र सरकार और सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि जिस भ्रष्टाचार की शिकायत उन्होंने खुद की थी, उसी में उन्हें फंसाया जा रहा है।
‘मैंने भ्रष्टाचार उजागर किया, अब मुझे फंसाया जा रहा है’
सत्यपाल मलिक ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा कि वह किसान पुत्र हैं और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों का पालन करते हुए अपने राजनीतिक जीवन में पूरी तरह ईमानदार रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि किरु हाइड्रो प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जानकारी उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी थी, जिसके बाद उन्होंने टेंडर रद्द कर दिया था। मलिक का कहना है कि उनके तबादले के बाद यह टेंडर दोबारा हुआ, लेकिन अब उसी मामले में उन्हें आरोपी बनाया जा रहा है। उन्होंने सरकार और सीबीआई से सवाल किया कि उनके द्वारा उजागर किए गए भ्रष्टाचार की जांच कहां तक पहुंची।
‘कर्ज में डूबा हूं, एक कमरे में रहता हूं’
मलिक ने अपनी पोस्ट में अपनी आर्थिक स्थिति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह एक कमरे के मकान में रहते हैं और कर्ज में डूबे हैं। उन्होंने सीबीआई और ईडी से चुनौती दी कि वे उनकी संपत्ति की जांच करें और देशवासियों को बताएं कि क्या उनकी संपत्ति में कोई वृद्धि हुई है। मलिक ने सरकार पर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठे लांछन लगाकर देशवासियों में उनके प्रति नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘अगर हिम्मत है तो सच्चाई से जांच करवाएं, ताकि सच सामने आए।’
किरु हाइड्रो प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप
सीबीआई ने 22 मई 2025 को सत्यपाल मलिक और पांच अन्य लोगों के खिलाफ किरु हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट में 2200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित अनियमितताओं के लिए चार्जशीट दाखिल की। यह मामला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) द्वारा संचालित प्रोजेक्ट से जुड़ा है। सीबीआई की जांच में टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं पाई गईं। मलिक ने पहले दावा किया था कि इस प्रोजेक्ट की फाइल मंजूर करने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।
पहले भी विवादों में रहे हैं मलिक
सत्यपाल मलिक अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें कहा गया था कि अगर सेना को हेलिकॉप्टर मुहैया कराए जाते तो जवानों की जान बचाई जा सकती थी। इसके अलावा, उन्होंने 2020-21 के किसान आंदोलन का समर्थन किया और केंद्र की नीतियों की तीखी आलोचना की थी। मलिक ने यह भी आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के करीबी लोग 300 करोड़ रुपये की दलाली का प्रस्ताव लेकर आए थे।