नई दिल्ली
कांग्रेस ने रविवार को उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ द्वारा आरक्षण पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर परोक्ष हमला करने को लेकर पलटवार किया। कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति से सवाल किया कि क्या धनखड़ एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को हटाने की राहुल की मांग का समर्थन करते हैं। कांग्रेस का यह पलटवार तब आया है जब उपाध्यक्ष धनखड़ ने पहले राहुल पर हमला करते हुए कहा था कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह की टिप्पणी ‘संविधान विरोधी मानसिकता’ को दर्शाती है।
संविधान विरोधी मानसकिता का जिक्र
मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए धनखड़ ने कहा था कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का विदेशी धरती पर यह कहना कि आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए, उसी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। आरक्षण के खिलाफ पूर्वाग्रहों की छड़ी सौंप दी गई है। यह वही पुरानी संविधान विरोधी मानसिकता है। धनखड़ ने आगे कहा कि भारत के संविधान के बारे में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ लोग इसकी आत्मा को भूल गए हैं।
धनखड़ ने कहा कि आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है। उन्होंने “देश और संविधान की आत्मा” के रूप में इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आरक्षण नीतियां सकारात्मक कार्रवाई का एक रूप हैं जो हाशिए पर पड़े समुदायों को “संभालती” हैं, न कि दूसरों को अवसरों से वंचित करती हैं। कांग्रेस ने धनखड़ की आलोचना का तुरंत जवाब दिया, उपाध्यक्ष पर पलटवार किया और इस मुद्दे पर उनके रुख पर सवाल उठाए।
कांग्रेस का उपराष्ट्रपति पर पलटवार
पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर कहा कि राहुल गांधी ने एससी/एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने की मांग की है। उपराष्ट्रपति जी क्या आप कांग्रेस की इस मांग का समर्थन करते हैं। यह बातचीत राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान की गई हालिया टिप्पणियों के बाद हुई है। इसमें उन्होंने आरक्षण के संभावित भविष्य पर टिप्पणी की थी। राहुल ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण हटाने पर तभी विचार करेगी जब ‘भारत एक निष्पक्ष जगह होगी’ जिसका अर्थ है कि मौजूदा असमानताओं को देखते हुए मौजूदा व्यवस्था जरूरी है।