लखनऊ:
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला है। बुधवार को उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन दोनों इंजन काम नहीं कर रहे हैं। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और आम जनता के अधिकारों को लेकर स्थिति बेहद चिंताजनक है। संजय सिंह ने हाल ही में आगरा में पांच साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और सहारनपुर में छेड़खानी से तंग आकर एक युवती के जहर खाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं योगी सरकार के महिला सुरक्षा के दावों की सच्चाई उजागर करती हैं।
अलीगढ़ की घटना का संजय सिंह ने दिया उदाहरण
संजय सिंह ने कहा कि इन अपराधों पर सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता दुखद और खतरनाक है। उन्होंने गौ रक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर भी सवाल उठाए। संजय सिंह ने अलीगढ़ की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि 25 मई को चार लोगों को झूठा गौ मांस ले जाने के आरोप में बर्बरतापूर्वक पीटा गया, जबकि जांच में सामने आया कि उनके पास कोई गौ मांस नहीं था। उन्होंने पूछा, गौ रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने का लाइसेंस आखिर किसने दिया?
ऑपरेशन सिंदूर पर भी कसा तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर संजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि यह असल में ऑपरेशन वोट बैंक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रैलियों में समय दे सकते हैं, कपड़े दिन में चार बार बदल सकते हैं, लेकिन पहलगाम हमले की पीड़ित महिलाओं से मिलने का समय नहीं निकाल पाए। उन्होंने पीएम मोदी से तीन सवाल पूछे – हमलावर आतंकवादी पहलगाम तक कैसे पहुंचे, अब तक मारे क्यों नहीं गए, और क्या ट्रंप के दबाव में सीजफायर घोषित किया गया? केंद्र सरकार द्वारा भारत को चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताने के दावे पर संजय सिंह ने कहा कि यह दावा सिर्फ दिखावा है।
देश में 35.5% बच्चे कुपोषण के शिकार- संजय सिंह
संजय सिंह ने कहा कि नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी भी यह कह चुके हैं कि यह केवल एक संभावना है, न कि सच्चाई। भारत की प्रति व्यक्ति आय, भुखमरी, बाल मृत्यु दर और खुशी सूचकांक जैसे मामलों में स्थिति दयनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने देश को 181 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डुबो दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में 5 साल से कम उम्र के 35.5% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, और 2.9% बच्चे पांच साल की उम्र पूरी करने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि असली विकास तब माना जाएगा, जब हर नागरिक के जीवन में सुधार आए, न कि सिर्फ अमीरों की संपत्ति बढ़े। प्रेसवार्ता के दौरान शिक्षाविद् अवध ओझा ने भी प्रधानमंत्री मोदी के बयानों और दावों की आलोचना की और उन्हें जनता को गुमराह करने वाला बताया।