रामपुर
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में शुक्रवार रात एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जब सऊदी अरब से लौट रहे छह युवकों और उनके चालक का दिल्ली-लखनऊ हाइवे पर अपहरण कर लिया गया। हालांकि, यह मामला तब और चौंकाने वाला बन गया जब पता चला कि इनमें से चार युवकों के पेट में सोने की गोलियां छिपाकर तस्करी की जा रही थी। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद न केवल अपहरणकर्ताओं को दबोचा, बल्कि चारों तस्करों के पेट से सोना बरामद करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अब यह मामला खासी चर्चा में आ गया है।
ऐसे हुआ खुलासा
शुक्रवार को रामपुर के टांडा थाना क्षेत्र निवासी शाने आलम, मुतल्लिब, अजरूद्दीन एवं जुल्फिकार दुबई से और नावेद एवं जाहिद सऊदी अरब से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से वे कार से रामपुर लौट रहे थे। रास्ते में मूंढापांडे थाना क्षेत्र के पास कुछ बदमाशों ने खुद को जांच अधिकारी बताकर कार रुकवाई। उन्हें कार से उतारकर पूछताछ करने लगे। इसके बाद उन्हें कथित जांच के बहाने जंगल में ले जाया गया, जहां बंदूक की नोंक पर उन्हें धमकाया गया कि उनके पेट चीरकर सोना निकाला जाएगा।
इस बीच चालक जुल्फिकार किसी तरह से भाग निकला। स्थानीय ग्रामीणों को सूचना दी। ग्रामीणों और पुलिस के पहुंचने पर बदमाश मौके से भाग निकले। बाद में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो बदमाश तौफिक उर्फ तुफैल और रजा चौधरी को गिरफ्तार कर लिया।
पेट से निकले सोने के कैप्सूल
इसी दौरान पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस के सामने चारों युवकों के पेट में सोने का कैप्सूल होने का दावा किया। पुलिस को जब युवकों पर शक हुआ, तो उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। पहले वहां की एक्सरे मशीनें पेट में छिपे सोने का पता नहीं लगा सकीं। बाद में निजी लैब और जिला अस्पताल में एक्सरे एवं अल्ट्रासाउंड कराया गया। इससे पुष्टि हुई कि चार युवकों के पेट में सोने की गोलियां हैं।
रिपोर्ट के अनुसार मुतल्लिब के पेट में गोलियों का गुच्छा है। शाने के पेट में चार, अजरूद्दीन के आठ और जुल्फिकार के पेट में छह गोलियां हैं। अब तक वे पेट से 9 कैप्सूल निकल चुके हैं, जिनका वजन लगभग 30 ग्राम प्रति कैप्सूल है। कुल मिलाकर करीब 270 ग्राम सोना बरामद किया गया है।
सिस्टम की खुली पोल
सोना तस्करी के इस खेल से खुलासा हुआ है कि कैसे एयरपोर्ट पर मौजूद सुरक्षा तंत्र को चकमा देने तस्कर सफल हो रहे हैं। दुबई और सऊदी से लौटे युवक मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट से बिना किसी जांच में पकड़े गए निकल गए। पेट में छिपाए गए सोने को सामान्य मेटल डिटेक्टर या स्कैनिंग मशीनें पकड़ नहीं पातीं। तस्कर बाद में अपने घरों के विशेष टॉयलेट में इन गोलियों को निकालते हैं, जहां जाली लगी होती है।
पुलिस के अनुसार, टांडा थाना क्षेत्र में ऐसा तस्करी गिरोह सक्रिय है जिसमें पांच-छह युवकों की टीम है। ये लोग दुबई, सऊदी और अन्य खाड़ी देशों से सोना, गुटखा और सिगरेट जैसी वस्तुएं भारत लाकर बेचते हैं।
आखिर क्यों होती है तस्करी?
आभूषण व्यापारियों के अनुसार, दुबई और सऊदी में सोने की गुणवत्ता बेहतर होती है। साथ ही, कीमत भी थोड़ी कम होती है। भारत में सोना लाने पर 14 फीसदी जीएसटी देना पड़ता है। अगर एक युवक आधा किलो सोना लाता है, तो वह तस्करी के जरिए लगभग 7-8 लाख रुपये बचा लेता है। इस तरह, एक बार में 600 से 900 ग्राम सोना पेट में छिपाकर लाने पर एक युवक 12 से 14 लाख रुपये तक की तस्करी कर लेता है।
पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस ने मामले में अपहरण, हमला और तस्करी की धाराओं में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। मुरादाबाद एसएसपी सतपाल अंतिल ने कहा कि पेट से सोना निकालने के लिए डॉक्टरों की मदद ली जा रही है। बरामदगी के बाद आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह के अनुसार पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ये लोग कस्टम जांच से कैसे बच निकले? पूछताछ और सोना निकालने की प्रक्रिया जारी है।