पटना:
तेज प्रताप को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का दिल नहीं पसीजा। एक सप्ताह बाद बैक डेट के साथ पार्टी से निकालने वाली चिट्ठी जारी कर दी गई। अपने निजी संबंधों की वजह से लालू यादव के बड़े बेटे विवादों में हैं। जिसके बाद सोशल मीडिया पर बयान जारी कर लालू यादव ने 6 साल के लिए पार्टी और परिवार से बेदखल करने का एलान कर किया था। अब आधिकारिक तौर पर आरजेडी की ओर से लेटर जारी किया गया है।
निष्कासन वाली चिट्ठी में ये लिखा है
तेज प्रताप के पार्टी से निष्कासन वाले लेटर पर 25 मई का डेट लिखा हुआ है। आरजेडी ऑफिस की ओर से जारी लेटर में लिखा हुआ है, ‘माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के निर्देश के आलोक में श्री तेज प्रताप यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है।’ चिट्ठी के नीचे में आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान सचिव अब्दल बारी सिद्दीकी का सिग्नेचर है।
तेजस्वी के पटना पहुंचते ही एक्शन
दरअसल, तेजस्वी यादव बेटे के पिता बने थे और पूरा लालू परिवार कोलकाता में था। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पटना पहुंचे। एयरपोर्ट पर ही उन्होंने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के राजद से निष्कासन को सही ठहराया। तेजस्वी ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जो निर्णय लिया है, वो पार्टी की भलाई के लिए है। उनका निर्णय सर्वोपरि है। मैं कुछ नहीं बोलूंगा।
नहीं काम आई सुधाकर की ताबड़तोड़ बैटिंग
हालांकि, तेज प्रताप की ओर से घर के अंदर और बाहर ‘जयचंद’ कहे जाने के सवाल को तेजस्वी टाल गए। दरअसल, अनुष्का यादव नाम की एक लड़की के साथ तेज प्रताप के फोटो और वीडियो वायरल हुए थे। इसे लेकर जमकर बयानबाजी भी हो रही। इसके बाद तेज प्रताप ने पार्टी और परिवार के कुछ लोगों पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। इन सबके बीच बिहार आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सांसद सुधाकर सिंह ने तेज प्रताप के पक्ष में बयानबाजी की, मगर अब तेज प्रताप को पार्टी से 6 साल के निष्कासित कर दिया गया।