— चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट निर्माण के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने जारी की स्वीकृति
जयपुर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार महत्वाकांक्षी संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (राम जल सेतु लिंक परियोजना) को धरातल पर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में परियोजना के प्रथम चरण में चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट निर्माण के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) से स्वीकृति के बाद मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने अन्तिम स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस एक्वाडक्ट के माध्यम से रामगढ (कूल नदी), महलपुर (पार्वती नदी) व नवनेरा (कालीसिंध नदी) बैराज का पानी चम्बल नदी को पार करके मेज बैराज में डाला जाएगा तथा बीसलपुर और ईसरदा बांध तक लिफ्ट के माध्यम से ले जाया जा सकेगा। 2280 मीटर लम्बाई के इस एक्वाडक्ट का एक छोर कोटा के पीपल्दासमेल गांव और दूसरा छोर बून्दी के गुहाटा गांव से जुड़ेगा।
इससे कोटा की सुल्तानपुर तहसील के लोगों को बून्दी से गुजर रहे कोटा-सवाईमाधोपुर हाईवे से पक्की सड़क द्वारा एक अतिरिक्त मार्ग उपलब्ध होगा। साथ ही, परियोजना में नवनेरा बैराज से मेज एनिकट तक फीडर निर्माण की कार्यवाही को गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 17 जिलों को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत 9400 करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी कर योजना की क्रियान्विति शुरू कर दी गई है। इस चरण में पैकेज-2 के अन्तर्गत चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट का निर्माण किया जा रहा है।