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Wednesday, July 2, 2025
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कर्नाटक में 18 BJP विधायकों का निलंबन रद्द, जानें हज यात्रा पर जाने से पहले स्पीकर खादर ने क्यों किया फैसला

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बेंगलुरु

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बीजेपी के 18 विधायकों का निलंबन वापस ले लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और स्पीकर यूटी खादर की एक मीटिंग में हुआ। मीटिंग में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, कानून मंत्री एच.के. पाटिल और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक भी शामिल थे। मीटिंग के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया गया।

बयान में कहा गया कि निलंबन वापस लेने पर सबकी सहमति थी। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि निलंबन को दो महीने हो चुके थे। साथ ही, निलंबित विधायकों ने अपने किए पर अफसोस जताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वे आगे से विधानसभा में अच्छा व्यवहार करेंगे।

क्या बोले आर अशोक
इस बारे में बात करते हुए आर अशोक ने कहा कि स्पीकर पिछले 15 दिनों से हमसे इस बारे में बात कर रहे थे। मैं भी उनसे कई बार मिला और मुख्यमंत्री को इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने मंत्री एचके पाटिल से भी दो बार बात की। मैंने साफ कह दिया कि विधानसभा का कोई मतलब नहीं है अगर सिर्फ सत्ताधारी पार्टी के सदस्य ही मौजूद हों। विपक्ष की भी एक अहम भूमिका होती है। मैंने यह भी कहा कि निलंबन वापस लिए बिना विपक्ष किसी भी विधायी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेगा।

बीजेपी ने रखी अपनी बात
अशोक ने यह भी कहा कि विधानसभा में ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हुई हैं। हमारे विधायकों ने स्पीकर की कुर्सी के पास विरोध प्रदर्शन करने के लिए माफी मांगी थी। बात वहीं खत्म हो जानी चाहिए थी। उन्हें छह महीने के लिए निलंबित करना सही नहीं था। इससे एक गलत उदाहरण सेट होता और भविष्य के सत्रों पर भी असर पड़ता।

शिवकुमार आर सिद्धारमैया ने भरी हामी
अशोक ने मीटिंग के बारे में बताते हुए कहा कि हमने एक घंटे तक सारी बातें विस्तार से कीं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जो सदन के नेता भी हैं, ने कहा कि निलंबन वापस लिया जा सकता है क्योंकि सदस्यों ने अपने किए पर अफसोस जताया है। इसी तरह, उपमुख्यमंत्री शिवकुमार और मंत्री पाटिल ने भी निलंबन वापस लेने के पक्ष में बात की।

हज यात्रा पर निकले स्पीकर
आर अशोक ने कहा कि स्पीकर हज यात्रा पर जाने वाले हैं, चाहते थे कि वे जाने से पहले इस पर फैसला कर लें। हमारे विधायक, जो अलग-अलग समितियों का हिस्सा हैं, समिति की गतिविधियों में भाग नहीं ले रहे थे। इसलिए, विधानसभा को ठीक से चलाने के लिए यह फैसला लिया गया। बीजेपी के इन 18 विधायकों को 21 मार्च को स्पीकर की कुर्सी का अपमान करने के आरोप में छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। यह निलंबन तब हुआ जब विधायकों ने सदन के अंदर हंगामा किया। वे मंत्री के.एन. राजन्ना से जुड़े कथित हनी ट्रैप मामले की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। निलंबित सदस्यों को मार्शलों ने सदन से बाहर निकाला, जिसके बाद राज्य में काफी हंगामा हुआ।

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