नैनीताल का नाम लेते ही हमारे दिमाग में आती है वहां की खूब सारी भीड़, झीलों के पास बैठे पर्यटक, पहाड़ों को देखते हुए मोमोस और मैगी खाते हुए लोग। लेकिन अब ये सब बिल्कुल भी नहीं हो रहा, जी हां, जहां गर्मियों में हर साल टूरिस्टों की भीड़ लगी रहती थी, इस बार भीड़ के विपरीत खामोशी में डूबा गया है नैनीताल। अप्रैल से जून के बीच जहां नैनीताल में सबसे ज्यादा लोग दिखा करते थे, जहां दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र से लोग भारी संख्या में आते थे, वहीं अब इस बार ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा।
यहां के होटल आधे खाली पड़े हैं, बाजारों की रौनक एकदम फीकी पड़ गई है और नैनी झीलों में नावें बिना पर्यटकों के एक किनारे खड़ी हैं। टूरिज्म से जुड़े लोगों का कहना है कि अब तक करीबन 60 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। नैनीताल होटल एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले साल मई में जहां 90% तक होटल बुकिंग हो रही थी, इस बार वो घटकर सिर्फ 10–15% रह गई है। चलिए आपको बताते हैं क्या है वजह, आखिर क्यों है नैनीताल इस बार सूखा।

कई वजह मान रहे हैं यहां के लोग
इस अचानक आई गिरावट के पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और लोकल व्यापारियों का कहना है कि पार्किंग और टोल टैक्स में बढ़ोतरी, नैनीताल में हाल ही में हुई सांप्रदायिक तनाव की खबरें, और भारत-पाक सीमा पर तनाव की वजह से टूरिस्ट अब दूसरे सुरक्षित विकल्प चुन रहे हैं।
कई कारोबारियों का कहना है, यहां के हालत बेहद खराब हैं, इसका असर हर जगह देखने को मिल रहा है, इसमें होटल, रेस्तरां टैक्सी सर्विस, दुकानें और बोटिंग, सबका धंधा ठप पड़ चुका है। बता दें, हाल के हफ्तों में 90% से ज्यादा होटल बुकिंग कैंसिल हो गई हैं, जिसकी वजह बताई जा रही है सुरक्षा को लेकर डर।
नावों से लेकर कमरे तक हर जगह सूखा
इसका असर हर तरफ देखा जा रहा है। सड़क किनारे सामान बेचने वाले, टैक्सी ड्राइवर, नाव चलाने वाले और दुकानदार, सबकी कमाई पर असर देखा जा रहा है। नैनी झील में नाव चलाने वाले लोगों का कहना है, इस दौरान तो यहां लोगों की लाइनें लगी रहती थी, अब हमें एक ग्राहक के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।
वहीं यहां कमरे खाली पड़ें हैं और व्यापारियों के लिए स्टाफ की सैलरी देना मुश्किल हो गया है। हालांकि कुछ दुकानदारों ने कहा कि पीछे कुछ दिनों में टूरिस्ट की संख्या में इजाफा हुआ है। अगर हालात सामान्य रहे, तो अगले कुछ हफ्तों में पर्यटक लौट सकते हैं।