खाते में 200000 देखकर रोजगार सहायक की नीयत बिगड़ी; मांगी रिश्वत, 10000 लेते लोकायुक्त के ट्रैप में फंसा

शहडोल

मध्य प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी सरकारी दफ्तरों में घूसखोरी और रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालांकि लोकायुक्त विभाग ऐसे घूसखोर अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन ले रहा है। ऐसी ही एक कार्रवाई रीवा लोकायुक्त टीम ने शहडोल में की है।

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दरअसल, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए लोकायुक्त ने रोजगार सहायक को 10000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। टीम ने यह कार्रवाई शहडोल जिले के जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत छुदा पोस्ट में की है। यह कार्रवाई डीजी लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई। जिसमें आरोपी को उसके निवास स्थान पर घूस लेते समय पकड़ा गया।

संबल की राशि दिलवाने के लिए मांगी रिश्वत
रीवा लोकायुक्त में शहडोल के जयसिंह नगर ब्लॉक के ग्राम छूदा के राजेश सिंह कंबर ने शिकायत की थी। उसने बताया कि उसके पिता की मृत्यु के पश्चात संबल योजना के तहत 2 लाख की सहायता राशि स्वीकृत हुई। इसकी राशि को मां के खाते में ट्रांसफर करने के लिए आरोपी रोजगार सहायक चंद्र प्रकाश गुप्ता ने रिश्वत की मांग की थी। इसके साथ ही पीएम आवास योजना का लाभ दिलाने के साथ समग्र आईडी बनवाने के लिए रिश्वत मांगी।

रोजगार सहायक ने मांगी रिश्वत
आरोपी चंद्र प्रकाश ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद मां के बैंक खाते में 2 लाख रुपए ट्रांसफर करने के एवज में 30 हजार मांगे थे। साथ ही पीएम आवास का लाभ दिलवाने के लिए समग्र आईडी में नाम जोड़ने के एवज में 3500 रुपए की मांग की। इस तरह रोजगार सहायक कुल 33500 रुपए की रिश्वत मांग कर रहा था।

लोकायुक्त के ट्रैप में फंसा सहायक
रीवा लोकायुक्त ने पीड़ित की शिकायत की जांच की थी। जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद लोकायुक्त रीवा संभाग के एसपी योगेश्वर शर्मा के निर्देश में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने ग्राम छुदा में शुक्रवार के दिन प्रकाश चंद गुप्ता के खिलाफ जाल बिछाया। इसके बाद जैसे ही आरोपी ने उसके निवास पर 10000 की प्रथम किश्त के रिश्वत लिए थे। उसी समय लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

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