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कभी सोनिया गांधी पर लगाए थे गंभीर आरोप… मार्गरेट अल्वा के सवाल पर कांग्रेस में मच गई थी खलबली

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नई दिल्ली

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से 80 वर्षीया मार्गरेट अल्वा उम्मीदवार होंगी। उनके नाम का ऐलान करते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि 17 दलों का समर्थन है और जल्द ही कई और दल समर्थन देंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अपने बागी तेवर के लिए जानी जाती हैं और वह पूर्व में ऐसे कई सवाल उठा चुकी हैं जिनकी आज भी चर्चा होती है। एक वक्त उन्होंने सीधे-सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने उन पर मनमाने ढंग से फैसले लेने का आरोप लगाया था। उनके लपेटे में एक बार राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी आ चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर लगाए गंभीर आरोप
मार्गरेट अल्वा ने एक वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सोनिया गांधी पार्टी में मनमाने ढंग से फैसले लेती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर फैसले लेने का काम एक चेहरे तक केंद्रित हो गया है। साल 2016 में उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल कराना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया। अल्वा ने अपनी किताब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए थे। किताब में नरसिम्हा राव के साथ सोनिया की तनातनी का भी जिक्र है।

साल 2008 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने टिकट बेचे जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर सीटें मेरिट के आधार पर न देकर बोली लगाने वालों को दी जा रही हैं। उस वक्त वह महाराष्ट्र, मिजोरम और पंजाब-हरियाणा की प्रभारी थी। उनको कांग्रेस महासचिव के पद से हटा दिया गया था। हालांकि दोबारा जब उनके रिश्ते ठीक हुए तो उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बनाकर भेजा गया। राज्यपाल के तौर पर मार्गरेट अल्वा का कार्यकाल अगस्त 2009 से शुरू हुआ। वह उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। मई 2012 में उन्हें राजस्थान का गवर्नर नियुक्त किया गया और अगस्त 2014 तक राजस्थान की राज्यपाल रहीं।

‘सचिन पायलट भाजपा में जाकर 45 की उम्र में PM बनना चाहते थे’
राजस्थान में जब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान चल रही थी उस वक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा ने बागी तेवर अपना चुके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने सचिन पायलट निशाना साधा और पूछा कि क्या भाजपा में जाकर वह 45 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में चुनाव बाद बहुमत की सरकार बनाई थी जिसमें सचिन पायलट को न सिर्फ उपमुख्यमंत्री बनाया गया, बल्कि चार महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बरकरार रखा गया। अल्वा ने कहा कि 25 साल की उम्र में सचिन पायलट कांग्रेस में शामिल हुए और 26 साल की उम्र में सांसद बन गए। दो बार केंद्रीय मंत्री रहे, प्रदेश अध्यक्ष बने, फिर उप मुख्यमंत्री बने।

उन्होंने कहा 25 से 41 साल तक की उम्र के सफर में क्या किसी और को इतना सबकुछ मिला है। अब आप बोल रहे हो कि मुझे मुख्यमंत्री बनाओ। राजस्थान की राज्यपाल रह चुकीं अल्वा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अगर वह काम नहीं करना चाहते थे तो उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देकर बतौर प्रदेश अध्यक्ष काम करते रहना चाहिए था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि किसी स्टार को धैर्यवान होना चाहिए। इतनी जल्दी में आप कहां पहुंचना चाहते थे। 42 साल की उम्र में मुख्यमंत्री और 45 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, आप भाजपा में जाकर।

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