दर्द से कराहते हुए पूछ रहा था मेडल मिला या नहीं… जेरेमी लालरिननुंगा आप वाकई में हीरो हैं

महज 19 वर्ष की उम्र में जेरेमी लालरिननुंगा ने दो रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल हासिल करते हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में तिरंगा लहराया। अपनी आदर्श मीराबाई चानू की मौजूदगी में जेरेमी ने स्नैच में अपना दबदबा बनाया लेकिन क्लीन एवं जर्क में कड़ी प्रतिस्पर्धा ने इसे रोमांचक प्रतियोगिता बना दिया। क्लीन एंड जर्क प्रयास के दौरान उन्हें ऐंठन हुई और उनकी जांघ व पैर की मांसपेशियों में खिंचाव से चिंता बढ़ी।

जेरेमी ने गोल्ड जीतने के बाद कहा, ‘मुझे पता नहीं था कि मेरे आसपास क्या हो रहा है। मुझे ऐसा लगा कि मुझे कुछ नहीं दिख रहा और मैं बहुत रोया (असफल प्रयास के बाद)।’ उन्होंने कहा, ‘मैं कभी अन्य भारोत्तोलकों का प्रदर्शन नहीं देखता, यह बहुत दर्दनाक था। जोर से रोते हुए मैंने कोच से पूछा ‘मेडल आया या नहीं?’ कोच सर ने मुझसे कहा ‘गोल्ड है हमारा’ और इससे थोड़ी शांति मिली।’

इस वेटलिफ्टर ने कहा, ‘कोच सर (विजय शर्मा) शानदार थे, उन्होंने सभी भारों को प्रबंधित किया और सुनिश्चित किया कि मैं मेडल सुरक्षित करूं। ऐसा लगता है कि मैं अब एक अलग दुनिया में हूं और एक सपना जी रहा हूं। युवा ओलिंपिक के बाद सीनियर स्तर पर यह मेरी पहली बड़ी प्रतियोगिता है।’

बता दें कि युवा वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा ने खेलों के दो नए रिकॉर्ड के साथ रविवार को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए दूसरा गोल्ड मेडल जीता। युवा ओलिंपिक 2018 चैंपियन जेरेमी ने पुरुष 67 किलोग्राम वर्ग में दबदबा बनाते हुए कुल 300 किलोग्राम (140 किलोग्राम और 160 किलोग्राम) वजन उठाया। उन्होंने समोआ के वेइपावा नीवो इयोन 293 किलोग्राम (127 किलोग्राम और 166 किलोग्राम) और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ उमोआफिया 290 किलोग्राम (130 किलोग्राम और 160 किलोग्राम) को पछाड़ा जिन्हें क्रमश: रजत और कांस्य मेडल मिला।

आइजोल के 19 साल के जेरेमी ने खेलों का स्नैच (140 किलोग्राम) और कुल भार (300 किलोग्राम) का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस दौरान वह चोटिल होने से भी बचे क्योंकि क्लीन एवं जर्क के प्रयास के दौरान दो बार वह काफी दर्द में दिखे। जेरेमी ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 140 किलोग्राम वजन उठाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी इडिडियोंग पर 10 किलोग्राम की बड़ी बढ़त बनाई और खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 136 किलोग्राम के प्रयास के साथ शुरुआत की थी।

जेरेमी ने अंतिम प्रयास में 143 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। वह 141 किलोग्राम (राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप ताशकंद, दिसंबर 2021) के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार की कोशिश कर रहे थे। क्लीन एवं जर्क में 2021 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में विजेता जेरेमी ने 154 किलोग्राम वजन उठाकर शुरुआत की और अपने दूसरे प्रयास में 160 किलोग्राम वजन उठाया। वह अपने अंतिम प्रयास में 165 किलोग्राम वजन नहीं उठा सके। भारत का वेटलिफ्टिंग में यह पांचवां मेडल है। इससे पहले मीराबाई चानू (गोल्ड), संकेत सरगर (रजत), बिंदियारानी देवी (रजत) और गुरुराज पुजारी (कांस्य) ने शनिवार को मेडल जीते।

अपने ‘पहले प्यार’ मुक्केबाजी से वेटलिफ्टिंग में आने का उन्हें कठिन फैसला करना पड़ा लेकिन सेना खेल संस्थान से जुड़ने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जेरेमी ने कहा, ‘मैं अभी भी रिंग में मुक्केबाजी करता हूं और मुझे यह पसंद है लेकिन अपने साथी दोस्तों के जुनून को देखते हुए मैंने वेटलिफ्टिंग को चुना।’ जेरेमी ने 2016 में विश्व युवा चैंपियनशिप में 56 किलोग्राम भार वर्ग में रजत मेडल जीता था और फिर 2017 की विश्व चैंपियनशिप में एक और रजत अपने नाम किया।

द में उन्होंने 2018 जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य मेडल जीता। जेरेमी के लिए असली यात्रा अब शुरू होगी क्योंकि वह 73 किलोग्राम के ओलिंपिक भार वर्ग में उतरने की तैयारी करेगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे अब पता है कि यह एक अलग स्तर है। मुझे बहुत सुधार करना है और सबसे कठिन हिस्सा वजन बढ़ाना है। अगर सब कुछ ठीक रहा और मैं चोट मुक्त रहा तो मुझे पेरिस ओलिंपिक के लिए वहां होना चाहिए।’

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