कुछ लोग मोदी का ‘तोड़’ ढूंढ रहे लेकिन मिल नहीं रहा… राजनाथ ने क्यों कहा 2029 के बाद?

नई दिल्ली

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को इशारों ही इशारों में विपक्षी नेताओं के लिए बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काट ढूंढ रहे हैं लेकिन उन्हें यह मिल नहीं रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के हवाले से राजनाथ ने यह भी कह दिया कि उनका मानना है कि 2029 के बाद ही उन्हें (विपक्ष) इस बारे में सोचना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि सांगठनिक क्षमता, जनता से जुड़ाव और उनकी मुश्किलों की जमीनी समझ की वजह से प्रधानमंत्री आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हैं। वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह की पुस्तक ‘दि आर्किटेक्ट ऑफ दी बीजेपी’ के विमोचन के अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘जनता से जुड़े रहिए, सफलता आपके कदम चूमेगी… यही प्रधानमंत्री मोदी का मूलमंत्र है।’ सिंह ने कहा कि मोदी के पास जो सांगठनिक क्षमता है, किसी दैवीय शक्ति के बिना संभव नहीं है।

बाइडेन से भी आगे मोदी
उन्होंने कहा, ‘जनता से जुड़ाव, उससे संवाद, देश की नब्ज पर मजबूत पकड़, आमजन की मुश्किलों की जमीनी जानकारी से उनकी लोकप्रियता ने देश ही नहीं दुनिया में सभी नेताओं को पछाड़ दिया है। आज वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं।’ अमेरिकी कंपनी ‘द मार्निंग कंसल्ट’ के एक सर्वे का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी ने लोकप्रियता में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 12 प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों को पीछे छोड़ दिया है।

1300 विधायक, 400 सांसद भाजपा के
उन्होंने कहा, ‘मोदी का जनता से एक भावनात्मक रिश्ता बन गया है। उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले देश में कुछ राज्यों में NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार थी। आज जिसका विस्तार 16 राज्यों तक हो गया है। इस वक्त पूरे देश में 1300 से ज्यादा विधायक और 400 से ज्यादा भाजपा के सांसद हैं।’

2029 के बाद सोचें मोदी का ‘तोड़’
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ लोग मोदी का विकल्प ढूंढ रहे हैं लेकिन उन्हें कोई तोड़ मिल नहीं रहा है। उन्होंने राजनीतिक विश्लेषकों का हवाला देते हुए कि उनका मानना है कि 2029 के बाद ही उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने पार्टी का विस्तार केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं किया बल्कि वह विचारधारा के फैलाव और देश की सोच में बदलाव के लिए ऐसा करते हैं।

मोदी को मिलने वाली लगातार चुनावी जीत का मंत्र ‘सिर्फ जीत के लिए लड़ो’ को बताते हुए सिंह ने कहा कि बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं का ‘सूक्ष्म प्रबंधन’ उनकी इसी रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ–सबका विकास, सबका विश्वास–सबका प्रयास’ का प्रधानमंत्री का आह्वान कोई जुमला नहीं है, असल में वह इसी मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

भाजपा को बनाया चुनाव जीतने वाली मशीन
सिंह ने कहा कि मोदी के रणनीतिक कौशल की विकास यात्रा कोई एक दिन में नहीं हुई है बल्कि देश में बरसों प्रवास कर उन्होंने लोगों को जाना है, देश को समझा है, आमजन की तकलीफें जानी हैं और उनसे संवाद किया है। उन्होंने कहा, ‘जाति और वर्ग की सीमाओं को तोड़ते हुए उन्होंने पार्टी के विस्तार का ऐसा मॉडल बनाया जिसका कोई तोड़ नहीं है।’ सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने प्रयोगों द्वारा भाजपा को चुनाव जीतने वाली मशीन में तब्दील कर दिया। उन्होंने कहा, ‘विचारधारा से कोई समझौता नहीं और कार्यों की वस्तुनिष्ठ समीक्षा उनके संगठन कौशल के मूलभूत मंत्र थे। यही बाद में पार्टी के उत्थान, निर्माण और विस्तार के कारण बने।’

उन्होंने कहा कि मोदी ने संगठन का जो ढांचा बनाया, उससे सरकार और पार्टी में कभी कोई भ्रम की गुजाइंश नहीं रही। उन्होंने कहा, ‘यह उनके सांगठनिक कौशल का ही नतीजा है कि आज देश में 18 करोड़ से ज़्यादा लोग भाजपा के सदस्य हैं जो देश की आबादी का लगभग 13 प्रतिशत है।’ कार्यक्रम में मौजूद जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक दार्शनिक और विचारक तो हैं ही, उनके रूप में देश को एक ऐसा राजनेता मिला है, जिसने सार्वजनिक जीवन में और पार्टी संगठन में निजी और राजनीतिक नैतिकता को पुन: स्थापित किया है।

उन्होंने कहा कि मोदी ने जातीय व क्षेत्रीय सीमाएं, शहरी और ग्रामीण भारत के अंतर को पाटते हुए ठेठ राजनीति की सीमित परिभाषा को भी बदला है। उन्होंने प्रधानमंत्री की तुलना महाराजा जनक के शासन से की और कहा कि उन्होंने देश में सामाजिक लोकतंत्र को पोषित किया है। कार्यक्रम को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने भी संबोधित किया।

 

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