नई दिल्ली
बजट के बाद उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने बजट के बाद की शंकाओं और सवालों के जवाब देने के साथ ही अडानी एंटरप्राइजेज के FPO से जुड़े सवालों पर भी प्रतिक्रिया दी है।
FPO आते हैं और निकल जाते हैं- निर्मला सीतारमण
एफपीओ वापसी पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “एफपीओ आते हैं और निकल जाते हैं। ये उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है। कितनी बार इस देश से एफपीओ वापस नहीं लिया गया है और कितनी बार भारत की छवि इसके कारण खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं?”
दो दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन डॉलर बढ़ा-
वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक वित्त बाजार में भारत की स्थिति अडानी एफपीओ पुलआउट और वर्तमान स्थिति के मद्देनजर प्रभावित हुई है, इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा, “ऐसा मत सोचो। पिछले 2 दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन डॉलर बढ़ गया है। हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है। यह फैक्ट है कि पिछले कुछ दिनों में हमारे पास 8 बिलियन Foreign Exchange Reserve आए हैं। इससे साबित होता है कि भारत और इसकी ताकत के बारे में सही धारणा बरकरार है।”
Adani Row पर क्या बोला वित्त मंत्रालय?
अडानी विवाद और कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि रेगुलेटर्स अपना काम करेंगे। दरअसल, प्रमुख स्थिति में बाजार को अच्छी तरह से रेगुलेटेड रखने के लिए SEBI प्राधिकरण है और उसके पास उस प्रमुख स्थिति को बरकरार रखने का साधन है।
उन्होंने कहा, “यह नियामक होंगे जो अपना काम करेंगे। आरबीआई ने बयान दिया, उससे पहले बैंकों, एलआईसी ने बाहर आकर अपने एक्सपोजर के बारे में बताया। सरकार से स्वतंत्र नियामक जो सही है उसे करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिए गए हैं ताकि बाजार अच्छी तरह से रेगुलेटेड हो।”
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने अडानी समूह के विवाद पर कहा, “मैंने कहा था कि हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक नंबरों के संदर्भ में मुद्दा चाय के प्याले में तूफान की तरह है और मैं अभी भी उस बयान पर कायम हूं।”

