भोपाल
लगातार भेल में महाप्र्रबंधकों की कमी बनी हुई थी जो उत्पादन के पीक पीरियेड में लगभग खत्म सी हो गई है । भेल के मुखिया ने जहां महाप्रबंधक अविनाश चन्द्रा को टीसीबी से एलजीएक्स और मानव संसाधन विभाग की कमान सौंप दी तो वहीं नये महाप्रबंधक बने एसके महाजन को टीसीबी का मुखिया बना डाला। नये महाप्रबंधक सीएस रॉव को बड़ी जवाबदारी सौंपते हुये हाईड्रो विभाग दे डाला। महाप्रबंधक अमिताभ दुबे से एलजीएक्स से हटाकर लूप लाइन के विभाग सौंप दिये । महाप्रबंधक एमआर डिंगरोचा से स्वीचगियर विभाग वापस लेकर सीजीएम,पीएमजी व अन्य विभाग दे दिये । उनकी जगह भेल की रूद्रपुर यूनिट से पीके उपाध्याय को स्वीचगियर के अलावा एमएम विभाग की कमान सौंप दी ।
इसी तरह कारखाने में खाली पड़े फेब्रीकेशन व थर्मल विभाग हैदराबाद के महाप्रबंधक विपुल अग्रवाल को सौंपी गई है। हालांकि कुछ महाप्रबंधकों ने अभी कमान नहीं संभाली है लेकिन यह अफसर भोपाल कॉडर के हैं और इनकी अपनी गृह यूनिट भोपाल में वापसी हो गई है । भेल के मुखिया विनय निगम ने लक्ष्य पूर्ति के लिये अपनी टीम तैयार कर अंतिम तिमाही में चुनौती लगभग स्वीकार कर ली है । ऐसा कहा जा रहा है कि अब भोपाल यूनिट को मिले टारगेट को पूरा करने में कोई परेशानी नहीं होगी । बस देखना यह है कि नई टीम पूरी ईमानदारी से काम करती है या नहीं ।