भोपाल
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भेल भोपाल यूनिट से एक साल पहले रानीपेठ यूनिट ट्रांसफर पर गये बहुचर्चित एक उप महाप्रबंधक की आखिर अपनी मदर यूनिट में वापसी हो ही गई । उनके बारे में जितना कहा जाये उतना कम है । पहले तो भोपाल यूनिट के हाईड्रो विभाग में ही चर्चित रहे लेकिन पिछले एक साल में भेल की रानीपेठ यूनिट में भी नाम कमा लिया। वैसे तो भेल दिल्ली कॉरपोरेट महज एक साल पहले तबादले वाले अफसर का इतनी जल्दी खुद की मदर यूनिट में तबादला नहीं करते लेकिन ऐसा कौनसा कांड हो गया कि उनको भोपाल यूनिट भेज दिया ।
मजेदार बात तो यह है कि डीजीएम साहब के आने के पहले ही उन्हें कौन से विभाग में बिठाया जाये इसकी अटकलें उनके ज्वाईन करने के पहले ही चल पड़ी। वैसे यह कहा जा रहा है कि इन साहब की कोई बड़ी शिकायत मंत्री या दिल्ली कॉरपोरेट तक हो गई लेकिन इसके बावजूद उन्हें इसी यूनिट में क्यों वापस भेजा गया इसको लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है । कारखाने में इस बात की चर्चाएं ज्यादा है कि डीजीएम साहब वर्षों रहे अपनी पसंद के हाईड्रो विभाग में ही आना चाहते हैं। क्या प्रबंधन एक डीजीएम के आगे इतना असहाय हो गया है कि एक तो उनकी मनपसंद की मदर यूनिट में ही भेज दिया और फिर हाईड्रो विभाग भी उन्हें ही दिया जायेगा । इतने पॉवरफुल डीजीएम के विषय में तो पहले कभी सुना नहीं था।
खबर है कि यह साहब दिल्ली से पॉवर लगाकर अपना मलाईदार विभाग हाईड्रो में फिर से बैठना चहते हैं। इधर यह भी कहा जा रहा है कि पूरी सबसे ज्यादा नौकरी भोपाल यूनिट के मानव संसाधन विभाग में खपाने वाले ईडी एचआर को भी यह देखने की जरूरत नहीं समझी की क्या संबंधित डीजीएम का तबादला भोपाल में ही क्यों ,कहीं यह मामला कुछ खास से तो जुड़ा हुआ नहीं ।