नई दिल्ली
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद हिचकोले खा रहे अडानी ग्रुप के लिए जल्दी खुशखबरी मिल सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रुप की एक जॉइंट वेंचर कंपनी 22 करोड़ डॉलर (करीब 1,800 करोड़ रुपये) का लोन लेने के लिए करीब आधा दर्जन बैंकों से बातचीत कर रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद यह ग्रुप का पहला डॉलर लोन होगा। इससे ग्रुप में निवेशकों का भरोसा बहाल होगा और आने वाली दिनों में ग्रुप के शेयर एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकते हैं। 24 जनवरी को आई इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में एक महीने से भी अधिक समय तक गिरावट रही। इससे ग्रुप के मार्केट कैप को 100 अरब डॉलर से अधिक नुकसान हुआ है। साथ ही अडानी भी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे से 23वें नंबर पर खिसक गए हैं।
अडानी ग्रुप की डेटा सेंटर प्रोवाइडर कंपनी AdaniConneX डॉलर में लोन जुटाने के लिए कई बैंकों से बात कर रही है। यह कंपनी अडानी ग्रुप और अमेरिका के वर्जीनिया की EdgeConneX का जॉइंट वेंचर है। कंपनी का कहना है कि वह इस लोन का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडीचर में करेगी। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ हफ्तों में लोन में साइन हो सकते हैं। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। कंपनी देश के छह शहरों चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, नोएडा, पुणे और वाइजैग में डेटा सेंटर विकसित कर रही है।
कंपनी को बदलनी पड़ी स्ट्रैटजी
EdgeConneX दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट डेटा सेंटर ऑपरेटर है। AdaniConneX अगले दस साल में भारत में एक गीगावॉट कैपिसिटी का डेटा सेंटर विकसित करना चाहती है। इससे डिजिटल इंडिया को मजबूती मिलेगी। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप को अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव करना पड़ा है। ग्रुप अब आक्रामक तरीके से विस्तार करने के बजाय कर्ज कम करने पर जोर दे रहा है। अडानी ग्रुप का कारोबार कई सेक्टर्स में फैला है और उसकी दस कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड हैं।