पटना
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के उतराधिकारी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नए साल पर फिर पुराना मुद्दा कि ‘कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री’ छेड़ दिया है। साल के पहले ही दिन तेजस्वी यादव ने राज्य के राजनीतिक गलियारों को गर्माहट से भरते फिर एक बार महागठबंधन में नीतीश कुमार की एंट्री पर विराम लगाते महागठबंधन का अकेला दावेदार खुद को बता कर राज्यवासियों को नए नए सपने भी दिखाए। यह दीगर कि पलटवार में तेजस्वी यादव को जवाब भी मिला 2025 से 2030, फिर से नीतीश।
तेजस्वी यादव की चिट्ठी का राज!
नए साल के पहले दिन इस कड़क ठंड के बीच तेजस्वी यादव ने अपने बयानों से गर्माहट भर दी। तेजस्वी यादव ने न केवल नीतीश कुमार की महागठबंधन में एंट्री को पूरी तरह नकारा बल्कि खुद को बिहार की उम्मीद भी बताते कहा कि नए साल में नई सरकार बनेगी। हम बिहार से बेरोजगारी हटाएंगे। शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे। बिहार से पलायन रोकेंगे। नीतीश कुमार पर टिप्पणी करते यह भी कह डाला कि अब ये रिटायर्ड हो गए हैं। वैसे भी किसी खेत में 20 साल से एक ही ब्रांड का बीज डालेंगे तो खेत बर्बाद हो जाएगा।इसलिए खेत को नए ब्रांड की बीज की जरूरत है।
पत्र से भी तेजस्वी ने दी आने की धमक
हालांकि तेजस्वी यादव ने इसके पहले राज्यवासियों के नाम पत्र जारी करते हुए भी राज्य को एक युवा मुख्यमंत्री की अपील कर डाली। कहा ‘साल 2025 में बिहार के नव निर्माण की नींव रखी जाएगी। यह साल बिहार के सुनहरे सपनों को सच करने वाला साल होगा। बिहार का हर वर्ग नए साल के साथ ये शपथ ले चुका हैं कि बीस साल से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक बदहाली, अराजकता, व्यवस्था में लगी जंग को अब मिटाना है और बिहार को तरक्की के एक नए रास्ते पर ले जाना है।’
जदयू ने किया पलटवार
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते जदयू ने साफ कहा कि राज्य की जनता किसी नए चेहरे पर विश्वास नहीं करने जा रही है। अभी भी राज्य की जनता को विकास पुरुष नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री के रूप में चाहिए। JDU ने इस संदर्भ में एक नया नारा भी दिया 2025 से 2030, फिर से नीतीश। हालांकि इसके पहले भी तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने पर विराम लगाए खुद को बिहार का सीएम बताया था, तब भी जदयू कार्यालय के आगे एक बड़ा पोस्टर लगाया गया था। इस पोस्टर में लिखा था 2025 फिर से नीतीश। जदयू नेता ने इस नारे का विस्तार देते कहा 2025 से 2030, फिर से नीतीश।
तेजस्वी की चिट्ठी ‘डीकोड’!
वरिष्ट पत्रकार प्रवीण बागी मानते हैं कि अभी जो कुछ बयानों का बाजार खड़ा किया जा रहा है, उसका एक मात्र मकसद अपने कार्यकर्ताओं को जागृत और सक्रिय रखने का प्रयास ही है। तेजस्वी यादव की इस चिट्ठी को डीकोड करने की कोशिश करें तो इशारा यही मिल रहा है। ऐसा इसलिए भी कि किसी भी दल को यह पता नहीं कि कब चुनाव हो जाए। इसलिए सभी दल के नेता बयानों से ही कार्यकर्ताओं के बीच उम्मीद की दुनिया बसा रहे हैं। दरअसल ,राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे अनएक्सपेक्टेड नेता बन गए हैं। कब क्या कर देंगे? इसके पहले इसी तरह के ठंड के मौसम में वो महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए के साथ चले गए थे। तब भी नया साल और जनवरी माह ही था। इसलिए चुनावी तैयारी में चुनावी सक्रियता जरूरी है । इसलिए ऐसे बयानों अभी और आने वाले हैं।