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Thursday, July 31, 2025
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हरियाणा में सबकुछ गंवा कर अब जागी कांग्रेस, हाईकमान के इशारे पर सर्जरी करने में जुटे बाबरिया

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चंडीगढ़

हरियाणा कांग्रेस में बढ़ती गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त हो गया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को फ्री हैंड बंद करने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने प्रभारी दीपक बाबरिया को पावरफुल कर दिया है। इसके बाद बाबरिया ने भी इस पर अमल करना शुरू कर दिया है। जिला स्तर पर नियुक्तियों पर रोक लगाने के बाद अब सचिवों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव कर दिया है। इसको लेकर प्रदेश के नेताओं से कोई चर्चा नहीं की गई। केंद्रीय नेतृत्व ऐसा करके नेताओं और कार्यकर्ताओं को ये संदेश देना चाहता है कि कोई भी फेस दिल्ली से ऊपर नहीं है, जो भी पार्टी लाइन से हटकर काम करेगा उसके खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व सख्त फैसले भी लेगा।

बाबरिया ने रोकी थी उदयभान की लिस्ट
प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने 18 दिसंबर को प्रभारियों की लिस्ट जारी की थी, जिसे पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने अगले ही दिन यानी 19 दिसंबर को एक पेज का प्रेस नोट जारी कर रोक दिया था। चूंकि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के कहने पर लगाया था, इसलिए यह हुड्‌डा गुट के लिए पहला झटका था।

सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया
प्रदेश में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। सचिव विनोदराव गुडाधे और जितेंद्र बघेल अब तक साउथ हरियाणा और नॉर्थ हरियाणा का काम देख रहे थे, लेकिन गुडाधे को उत्तर हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार व करनाल की जिम्मेदारी दी है। वहीं बघेल अब दक्षिण हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, भिवानी, गुरुग्राम और फरीदाबाद का काम देखेंगे। ये आदेश भी बाबरिया की ओर से ही जारी किए गए हैं।

निगम चुनाव से पहले एकजुटता जरूरी
इस बीच हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने कहा कि निगम चुनाव से पहले हरियाणा के कांग्रेस नेताओं में एकजुटता बहुत जरूरी है। इसके लिए वह हाईकमान को पत्र लिखेंगे। कांग्रेस को इन चुनावों का महत्व समझना चाहिए। सोशल मीडिया पर लाइव आकर कुलदीप शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेता घमंड छोड़े और बैठकर बातचीत करें। उन्होंने कहा कि निकायों पर बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस को भी स्थिर रहना चाहिए। कांग्रेस नेताओं को अपनी स्थिति देखनी चाहिए। पार्टी पर तरस खाना चाहिए। नेताओं को अपना अहम और प्रतिष्ठा त्यागकर आपस में बैठ कर बात करनी चाहिए। कांग्रेस से बड़ा कोई नहीं है। अगर किसी को लगता है तो उसे कांग्रेस छोड़कर चुनाव लड़कर देखना चाहिए।

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