नई दिल्ली
एक तरफ इंडिया गठबंधन के भीतर क्षेत्रीय दलों को ओर से सबसे बड़े दल कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अलग-अलग राज्यों में संगठन की मजबूती को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी है। यूपी में 2027 में होने वाले असेंबली चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने संगठन की मजबूती के लिए कवायद तेज कर दी है। राज्य में पांच स्तरीय ‘संगठन सृजन’ की कवायद जारी है, जिसमें पार्टी विभिन्न पदों पर नियुक्ति से लेकर प्रदेश इकाई की तस्वीर बदलने को लेकर भी मंथन जारी है।
इसमें बूथ से लेकर मंडल, शहर, जिला प्रदेश स्तर तक शामिल हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में संगठन की मजबूती के लिए काम हो रहा है। कांग्रेस की योजना है कि वह प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर अपनी तैयारी करें, इसके मद्देनजर जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती जरूरी है। जबकि प्रदेश में गठबंधन तो चुनाव के आसपास देखा जाएगा। ‘संगठन सृजन’ की कवायद एक हफ्ते तक चलेगी, जो गत 6 जनवरी से शुरू होकर आगामी 12 जनवरी तक चलेगी।
उल्लेखनीय है कि गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इंडिया गठबंधन के झंडे तले राज्य की 80 में से 17 सीटों पर लड़ी थी, जिसमें से वह छह सीटों पर जीती तो वहीं 10 सीटों पर नंबर दो रही। पंद्रह साल बाद यूपी में फिर से पांच से ज्यादा सीटें जीतने पर कांग्रेस का आत्मविश्वास थोड़ा बढ़ा, ऐसे में वह यूपी में एक बार फिर अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने संगठन सृजन के काम को अंजाम देने के लिए बाकायदा एक समिति बनाई है, जो विभिन्न स्तरों पर पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर मंथन कर रही है। इसमें सलमान खुर्शीद, राज बब्बर, बृजलाल खाबरी जैसे पूर्व प्रदेश अध्यक्षों के साथ-साथ अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा, पूर्व सांसद पीएल पुनिया, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा जैसे नाम शामिल हैं।
प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडेय ने बातचीत में कहा कि संगठन की मजबूती के लिए की जा रही कवायद में सहयोग व मार्गदर्शन के लिए चयन समिति बनाई गई है। उनका कहना था कि संगठन की मजबूती के लिए हम मौजूदा कांग्रेस नेताओं व वर्कर्स से लेकर नए व पुराने कांग्रेसी जनों की मदद, सहयोग व मार्गदर्शन ले रहे हैं। अगर राज्य में संगठन को मजबूत करना है तो नए व मौजूदा के साथ-साथ अपने पुराने व अनुभवी नेताओं को भी सुनना होगा।
75 जिलों और 58 शहरी इकाइयों का गठन होगा
यह कवायद एक से ज्यादा चरणों में चलेगी। पहला चरण 12 जनवरी तक चलेगा। जिसमें राज्य के 75 जिलों और 58 शहरी इकाइयों का गठन होना है। सूत्रों के मुताबिक, अविनाश पांडेय प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इन दिनों विभिन्न स्तरों पर विभिन्न पदों के लिए आने वाले दावेदारों के इंटरव्यू ले रहे हैं, उनसे उनकी रणनीति, उनके विचारों व रोडमैप को समझने की कोशिश हो रही है कि पद संभालने के बाद वह संगठन को कैसे आगे ले जाने में अपनी भूमिका निभाएंगे। इस कवायद में बूथ स्तर से बदलाव होते हुए ऊपर तक जाने की बात है। पार्टी के एक अहम सूत्र के मुताबिक, प्रदेश इकाई में भी बदलाव होगा। प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर बाकी प्रदेश इकाई की तस्वीर में बदलाव दिखेगा।