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Wednesday, July 30, 2025
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पीएम म्यूजियम बॉडी में स्मृति इरानी और शेखर कपूर को मौका, मतलब समझिए

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नई दिल्ली

प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) में नए सदस्यों का स्वागत है। सरकार ने PMML की कार्यकारी परिषद को नए रूप में गठित किया है। पीएम मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा को फिर से अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें अगले पांच साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है।

इस परिषद में कई नए चेहरे शामिल हुए हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सेवानिवृत्त सेना जनरल सैयद अता हसनैन, नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजीव कुमार और फिल्मकार शेखर कपूर शामिल हैं। इन सभी सदस्यों का कार्यकाल पांच साल का होगा या फिर अगले आदेश तक, जो भी पहले हो। पिछली कार्यकारी परिषद का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया था।

स्मृति ईरानी का इस परिषद में शामिल होना खास है। अमेठी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह कुछ समय से सुर्खियों से दूर थीं। अब उन्हें PMML में महत्वपूर्ण भूमिका मिली है। इस परिषद के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र शेखावत और अश्विनी वैष्णव भी इस पैनल के सदस्य हैं। पहले इस परिषद में 29 सदस्य थे, अब इसे बढ़ाकर 34 कर दिया गया है।

नए सदस्यों में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल, संस्कार भारती के वासुदेव कामथ, शिक्षाविद वामन केंद्र और हरमोहिंदर सिंह बेदी, और शिक्षाविद चामु कृष्ण शास्त्री भी शामिल हैं। इसके अलावा, प्रख्यात पुरातत्वविद् के के मोहम्मद और राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक बी आर मणि भी परिषद में शामिल हुए हैं।

कुछ पुराने सदस्यों को इस नई सूची से बाहर कर दिया गया है। इनमें पूर्व मंत्री वी मुरलीधरन, पूर्व राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे, पत्रकार रजत शर्मा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अनुसंधान प्रतिष्ठान के निदेशक अनिर्बान गांगुली शामिल हैं।

व्यय विभाग, संस्कृति विभाग, आवास और शहरी मामलों के विभाग के सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड के प्रतिनिधि और PMML के निदेशक पदेन सदस्य हैं। इन सदस्यों का कार्यकाल भी “अगले आदेश तक या पांच साल, जो भी पहले हो” रहेगा। यह नियम सभी मनोनीत सदस्यों पर लागू होता है।

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