नई दिल्ली
बजट पेश होने के साथ ही संसद की कार्यवाही सोमवार को फिर से शुरू हो गई। हालांकि, सुबह 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग उठाई। इसे लेकर जमकर हंगामा देखने को मिला। इस बीच राज्यसभा से विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। ऐसी चर्चा है कि लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इससे पहले वक्फ संशोधन बिल को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल पर मेरे असहमति नोट के कुछ हिस्से बिना मेरी जानकारी के हटा दिए गए।
ओवैसी बोले- हटाए गए मेरे असहमति नोट के कुछ हिस्से
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट में ये दावा किया कि उनके असहमति नोट के कुछ हिस्से हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने वक्फ विधेयक के खिलाफ जेपीसी को एक विस्तृत असहमति नोट सौंपा था। यह चौंकाने वाली बात है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना एडिट किया गया। हटाए गए अनुभाग विवादास्पद नहीं थे, उन्होंने केवल तथ्य बताए थे।
इन पार्टियों ने दिए बिल पर असहमति नोट
दरअसल, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी) और एआईएमआईएम के विपक्षी सदस्यों की ओर से असहमति नोट पेश किए गए थे। इसमें विधेयक को ‘मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों’ पर हमला बताया गया। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया। यह चौंकाने वाला है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना हटा दिया गया। हटाए गए हिस्से किसी भी तरह से विवादित नहीं थे, उनमें केवल फैक्ट बताए गए थे।
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और पैनल के सदस्य संजय जायसवाल की ओर से लोकसभा में पैनल के समक्ष रिपोर्ट और साक्ष्यों का रिकॉर्ड पेश किए जाने की संभावना है। संसद की कार्यवाही सोमवार को जैसे शुरू हुई, जमकर हंगामा देखने को मिला। वहीं वक्फ विधेयक पर जेपीसी की पूरी चर्चा प्रक्रिया के दौरान बीजेपी और विपक्षी सदस्यों के बीच झड़प के मामले सामने आए।
विपक्ष का वक्फ बिल पर क्या है कहना
विपक्ष का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल के जरिए वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने और सरकार का नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष का कहना है कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आजादी पर असर पड़ेगा। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन करता है। इस बिल से वक्फ संपत्तियों के इस्तेमाल और उनके प्रबंधन में बदलाव हो सकते हैं। इससे मुस्लिम समुदाय में चिंता है।
संसद में बिल को लेकर हंगामा बढ़ने के आसार
दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा। इससे इन संपत्तियों का इस्तेमाल सामुदायिक विकास के लिए किया जा सकेगा। लेकिन विपक्ष को सरकार की इस दलील पर यकीन नहीं है। इसलिए संसद में इस बिल पर जबरदस्त बहस होने की उम्मीद है।