इस्लामाबाद
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन के इस्लामाबाद पहुंचते ही पाकिस्तान ने कश्मीर के नाम पर रोना शुरू कर दिया। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन गुरुवार को आधिकारिक यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे हैं। इस दौरान इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री आवास में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति और प्रथम महिला एमीन एर्दोगन का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके सम्मान में औपचारिक सलामी दी। स्वागत समारोह के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों से भी मिलवाया। और तुर्की के राष्ट्रपति के सामने शहबाज शरीफ ने कश्मीर का जिक्र करते हुए उनकी तारीफ की।
कश्मीर का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की मौजूदगी में कहा कि “आपने गाजा, फिलिस्तीन या कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए बात की है और जब आप बोलते हैं, तो न केवल इस्लामी दुनिया के लाखों लोग आपको बहुत ध्यान से सुनते हैं, बल्कि जब आप बोलते हैं तो पूरी दुनिया आपको सुनती है।” इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भी एर्दोगन से मुलाकात की और उनकी यात्रा पर शुभकामनाएं दीं। तुर्की के राष्ट्रपति को एफ-16 लड़ाकू विमानों द्वारा फ्लाईपास्ट का भी सम्मान दिया गया। आपको बता दें कि एर्दोगन और तुर्की के निवेशकों का एक डेलिगेशन पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचा है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने भी अलापा कश्मीर राग
पाकिस्तान पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति ने भी कश्मीर का राग अलापा है। उन्होंने शहबाज शरीफ के सामने कहा, कि “तुर्की कश्मीरी लोगों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के आधार पर बातचीत के माध्यम से कश्मीरी मुद्दे के समाधान के लिए मजबूत समर्थन जारी रखेगा।” एर्दोगन ने आगे कहा कि “तुर्की लगातार कश्मीर भाईयों के साथ एकजुटता रखेगा”। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एर्दोगन की तारीफ करते हुए आगे कहा कि “तुर्की हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के न्यायोचित मुद्दे के साथ खड़ा रहा है और आपने हमेशा ही अपना रुख स्पष्ट रूप से रखा है।” पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एर्दोगन की यात्रा के दौरान पाकिस्तान और तुर्की के बीच 24 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गये हैं।
डॉन के मुताबिक एर्दोआन की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग, खास तौर से व्यापार और निवेश में विस्तार के लिए समझौतों को अंतिम रूप देने की कोशिश की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय कारोबार को 1 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर करने की योजना बनाई है, जिसमें व्यापार उदारीकरण, निवेश सुविधा और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने के लिए नए समझौता ज्ञापन (MoUs) की उम्मीद है। डॉन ने लिखा है कि रक्षा सहयोग पाकिस्तान-तुर्की संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है। 2023 स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्किये पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है, जो इसके कुल हथियार आयात का 11 प्रतिशत हिस्सा है। माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान एर्दोगन, पाकिस्तान से तुर्की पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान KAAN खरीदने के लिए कह सकते हैं।