मुंबई
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे के राज्य के सभी मदरसों की जांच कराने की मांग चर्चा का विषय बनी हुई है। महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि अगर देशविरोधी कोई सबूत मिलता है, तो सरकार जरूर कार्रवाई करेगी। प्यारे खान ने कहा कि सरकार पहले ही मदरसों के लिए एक स्कीम लेकर आई है, जिसका नाम ‘मॉर्डन मदरसा’ है। जहां पहले मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा होती थी, आज वहां पर टेक्निकल शिक्षा भी दी जा रही है। अब मदरसों के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं। हाल ही में मैंने बुटीबोरी में एक मदरसे का दौरा किया था। मैंने देखा कि एक बच्चा बहुत अच्छी मराठी बोल रहा है।
सरकार मदरसे के लिए खुद स्कीम चला रही
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे अब मुस्लिम समाज को समझ में आ रहा है कि उनका विकास किन चीजों से हो सकता है। मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ बाकी की शिक्षा भी धीरे-धीरे चालू हो गई है। सरकार मदरसे के लिए खुद स्कीम चला रही है और 10.5 लाख रुपये का फंड भी दे रही है। सरकार कभी भी नहीं चाहेगी कि जो सही व्यवस्था चली आ रही है, वह बंद हो जाए। अगर सरकार को मदरसों के खिलाफ कोई सबूत मिले, तो जरूर कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध घुसपैठिए यहां पर चलने वाले नहीं है।
नितेश राणे ने मदरसों की जांच की मांग की
दरअसल महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नितेश राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में चल रहे सभी मदरसों की जांच करने को कहा है। उन्होंने फडणवीस से मांग की है कि प्रदेश के सभी मदरसों की जांच गृह विभाग को करनी चाहिए। उनकी इस मांग के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्षी दल के नेता उन पर ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहे हैं।
वारिस पठान ने ध्रुवीकरण का लगाया आरोप
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रवक्ता वारिस पठान ने नितेश राणे पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। वारिस पठान ने कहा कि नितेश राणे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। हर दिन वह मुसलमानों के लिए उल्टा बोलते हैं। सरकार ने उन्हें इस बात के लिए रिवॉर्ड भी दिया है और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। लेकिन अब तो उन्हें सुधार जाना चाहिए। नितेश राणे ध्रुवीकरण क्यों फैलाना चाहते हैं? उनके ऊपर न जाने कितने मामले दर्ज हैं? फिर भी उन्हें क्यों गिरफ्तार नहीं किया जाता है? नितेश राणे को मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं महाराष्ट्र सरकार से कहना चाहूंगा कि उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए। साल 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई है, तब से उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। उन्हें हमारे खाने-पीने और पहनावे तक से नफरत है।