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Saturday, June 28, 2025
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चेत जाओ OTT वालो, कहीं चल ना जाए सेंसर की कैंची ! अश्लील कंटेंट पर सख्त हुई सरकार

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ओटीटी पर सेंसरशिप ना होने के चलते मेकर्स यहां हर तरह की कहानियों को अपनी मनमर्जी से दिखा पाते हैं। लेकिन अब सरकार ने उन्हें इस आजादी का दुरुपयोग ना करने के लिए चेताया है। सरकार ने ओटीटी और डिजिटल माध्यमों पर आपत्तिजनक कॉन्टेंट को लेकर सख्ती बरतते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। क्या है इस पर इंडस्ट्रीवालों का नजरिया, जानिए:

बहुचर्चित फिल्म ‘स्पाइडरमैन’ का एक डायलॉग है- ‘ग्रेट पावर कम्स विद ग्रेट रिस्पॉन्सिबिलिटी’ यानी बड़ी ताकत हमेशा एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ आती है और यही बात सरकार बिना किसी सेंसरशिप के क्रिएटिविटी के पंख फैलाकर मनमर्जी की कहानियां सुना रहे OTT प्लैटफॉर्म्स को समझाना चाह रही है। हाल ही में एक शो में पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बाद सरकार एक बार फिर ओटीटी और सोशल मीडिया कॉन्टेंट को लेकर सख्त हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में नई गाइडलाइंस जारी करते हुए OTT प्लैटफॉर्म्स को आईटी ऐक्ट और भारतीय कानूनों का पालन करते हुए ही कॉन्टेंट दिखाने के निर्देश दिए हैं। अच्छी बात यह है कि इंडस्ट्रीवाले भी इस बात पर सहमत दिख रहे हैं कि कॉन्टेंट के मामले में एक सीमा रेखा होनी ही चाहिए।

कॉन्टेंट को लेकर जिम्मेदार बने OTT
सरकार का कहना है कि पिछले कुछ समय से ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक और अश्लील कॉन्टेंट को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसलिए, आईबी मिनिस्ट्री ने नई गाइडलाइंस के तहत, स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म्स को अश्लील, पोर्नोग्राफिक या गैरकानूनी कॉन्टेंट से बचने को कहा है। साथ ही, कॉन्टेंट का आयु आधारित वर्गीकरण करने और भारतीय न्याय संहिता 2023, महिलाओं का अभद्र चित्रण अधिनियम 1986, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम (POSCO ऐक्ट), आईटी ऐक्ट का कड़ाई से पालन करने को कहा है। यही नहीं, ओटीटी की एक सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी यह सुनिश्चित करेगी कि सभी प्लैटफॉर्म्स इन नए नियमों का पालन करें। वैसे, कहीं न कहीं इंडस्ट्रीवाले भी इस बात से सहमत हैं कि कॉन्टेंट को लेकर जिम्मेदारी बरती जानी चाहिए। ओटीटी पर एमी नामित शो आर्या के बाद नई वेब सीरीज ‘द वेकिंग ऑफ अ नेशन’ लेकर आ रहे फिल्ममेकर राम माधवानी सरकार के इस कदम पर कहते हैं, ‘मैं अपनी बात करूं तो मैं फैमिली ऑडियंस के लिए शोज बनाता हूं, जो लोग अपने लिविंग रूम में बैठकर टीवी पर देख सकें। मेरे अपने मूल्य-सिद्धांत हैं, जिसके हिसाब से मैं शोज बनाता हूं। मैं स्पाइडर मैन की उस लाइन में पूरी तरह यकीन रखता हूं कि बड़ी ताकत के साथ एक महान जिम्मेदारी भी आती है। मुझे लगता है कि हमें इस जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।’

दायरा जरूरी, पर थोड़ी जिम्मेदारी दर्शकों की भी
वेब सीरीज ‘डॉक्टर अरोड़ा: गुप्त रोग विशेषज्ञ’ और ‘प्यार का प्रफेसर’ जैसे बोल्ड विषय वाली सीरीज की एक्ट्रेस संदीपा धर भी मानती हैं कि कॉन्टेंट को लेकर एक दायरा होना चाहिए। हालांकि, दर्शकों को भी सोचना चाहिए कि उन्हें क्या देखना है और क्या नहीं। बकौल संदीपा, ‘मेरे हिसाब से सरकार की सोच सही है। मेरा मानना है कि एक सेंसरशिप होनी चाहिए। आपको लाइन नहीं क्रॉस करनी चाहिए। हर चीज सम्मान के साथ एक अच्छे टेस्ट में होनी चाहिए, पर हर तरह का कॉन्टेंट बनना भी जरूरी है। आप सिर्फ बच्चों के लिए या फैमिली शो तो नहीं बना सकते हैं। फिर वो बोरिंग हो जाएगा। देखिए, एक डायरेक्टर को बोलना कि आप ये नहीं बना सकते हैं, वो भी गलत है। एक कलाकार का अपना एक विजन होता है कि वो क्या दिखाना चाहता है तो उसे यह आजादी होनी चाहिए कि वो अपनी कहानी अपने मनमुताबिक सुना पाए। हां, उम्र के हिसाब से उनकी रेटिंग होनी चाहिए, जैसा कि होता है- यूए, 13+, 18+, यह जरूरी है। साथ ही यह जरूरी नहीं है कि हर शो हर कोई देखे। जैसे, मेरा शो प्यार का प्रफेसर बच्चों के लिए यही है। यह एक अडल्ट शो है, जो 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए है। ऐसे में, ये आप पर है कि आपको क्या देखना है और क्या नहीं। ये बतौर दर्शक हमारी जिम्मेदारी है।’

सेंसरशिप की भी उठ रही मांग
कुछ लोग ओटीटी पर सेंसरशिप की भी मांग कर रहे हैं। जैसे पिछले दिनों ऐक्ट्रेस-प्रड्यूसर और सांसद कंगना रनौत ने ओटीटी पर सेंसरशिप लागू किए जाने की बात कही। कंगना ने कहा, ‘सेंसरशिप की सबसे ज्यादा जरूरत जिसे है वो हैं ओटीटी प्लेटफॉर्म। आज यूट्यूब पर बच्चों के लिए ऐसी कई चीजें हैं जो चिंताजनक हैं या जिस तरह की चीजें ओटीटी पर दिखाई जा रही हैं, डर लगता है कि बच्चा क्या देखेगा। बस पैसे देकर आप अपनी इच्छानुसार कोई भी चैनल एक्सेस कर सकते हैं। इसलिए, इस बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है।’ क्राइम पेट्रोल, हप्पू की उलटन पलटन जैसे शोज की ऐक्ट्रेस गीतांजलि मिश्रा भी ऐसा ही सोचती हैं। बकौल गीतांजलि, ‘हमारे यहां फिल्मों पर सेंसरशिप है, पर ओटीटी पर नहीं है जो कि होनी चाहिए। मुझे लगता है कि थोड़ी मर्यादा वहां भी होनी चाहिए।’

बोल्ड कॉन्टेंट के चलते ऐक्टर्स भी बना रहे दूरी
ओटीटी ने जहां कई कलाकारों को अपना हुनर दिखाने के लिए एक बड़ा मंच दिया है, वहीं कुछ ऐक्टर्स इसके बोल्ड कॉन्टेंट के चलते इससे दूरी भी बना रहे हैं। जैसे, इन दिनों अपनी फिल्म सनम तेरी कसम की सुपर सफलता इंजॉय कर रहे ऐक्टर हर्षवर्धन राणे हसीन दिलरुबा और तैश जैसी फिल्मों के अलावा ओटीटी पर ज्यादा नहीं दिखे। इस पर हर्षवर्धन कहते हैं, ‘मैं गाली-गलौज वाला कॉन्टेंट नहीं कर सकता। मुझे पर्दे पर गालियां देने और फालतू के अंतरंग सीन करने में रुचि नहीं है। जो कॉन्टेंट मैं अपने पैरंट्स या परिवार संग न देख सकूं, वो मुझे नहीं करना। इसलिए, बात अटक जाती है क्योंकि मेरे पास उसी तरह के ऑफर आते हैं।’ ऐक्ट्रेस गीतांजलि मिश्रा भी इसी वजह से ओटीटी पर काम करने से परहेज करती हैं। वह बताती हैं, ‘मैंने ओटीटी पर विरोध और कफस जैसी सीरीज की हैं पर मेरी अपनी एक मर्यादा है। मैंने अपने लिए कुछ रेखाएं खींच रखी हैं, जिसके परे मुझे नहीं जाना है। दुर्भाग्य से ओटीटी पर जिस तरह का कंटेंट बन रहा है, उसे लेकर मैं सहज नहीं हूं। इसलिए, मैं पचासों वेब सीरीज रिजेक्ट कर चुकी हूं।’

नई गाइडलाइन में इन बातों पर रखना होगा ध्यान:
– अश्लील, पोर्नोग्राफिक या गैरकानूनी कॉन्टेंट का प्रसार ना करें।
– कॉन्टेंट भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम, महिलाओं के अभद्र चित्रण अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अनुरूप हो।
– उम्र के आधार पर कॉन्टेंट का क्लासिफिकेशन करें।
– ओटीटी की सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी करवाएगी नियमों का पालन। उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई।

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