गुना
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर गुना शहर में उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया, जब शनिवार शाम एक धार्मिक जुलूस पर पथराव की घटना सामने आई। इस घटना के बाद पूरे जिले में अफरातफरी का माहौल फैल गया।भाजपा पार्षद ओमप्रकाश कुशवाहा उर्फ गब्बर ने इस पथराव को लेकर बड़ा बयान देते हुए बताया कि तकरीबन 15 से 20 अज्ञात लोगों ने अचानक मस्जिद के पास जुलूस पर पथराव कर दिया, जिससे हालात बिगड़ गए।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
शनिवार को शाम करीब 4 बजे शिवाजी नगर स्थित माता मंदिर से हनुमान जयंती का जुलूस निकाला गया था। जुलूस में सबसे आगे डीजे बज रहा था, जिसके पीछे बड़ी संख्या में युवा नाचते-गाते हुए चल रहे थे। यह जुलूस करीब 7:30 बजे कर्नलगंज इलाके में मस्जिद के सामने पहुंचा और वहां कुछ देर के लिए रुका।इसी दौरान अचानक जुलूस पर पत्थर फेंके गए। पार्षद ओमप्रकाश कुशवाहा के मुताबिक, यह हमला सुनियोजित था। पत्थरबाजी शुरू होते ही अफरा-तफरी मच गई और देखते ही देखते दोनों पक्षों से पत्थर चलने लगे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और हालात की नजाकत
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखाई। इसके बावजूद माहौल तनावपूर्ण बना रहा। घटना की गंभीरता को देखते हुए देर रात केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना एसपी संजीव कुमार से फोन पर बात की और पूरी घटना की जानकारी ली।
एफआईआर और आरोपियों पर कार्रवाई
पार्षद ओमप्रकाश कुशवाहा की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांच नामजद और 15 से 20 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों पर हत्या के प्रयास, बलवा, तोड़फोड़ और मारपीट जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। शिकायत में गोली चलने की भी बात कही गई है।
प्रदर्शन और चक्काजाम
पथराव की घटना के विरोध में रविवार को करणी सेना ने गुना बंद का आह्वान किया। इसके साथ ही शनिवार रात से ही प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जुलूस में शामिल लोग पथराव के बाद हनुमान चौराहे पर पहुंचे और चक्काजाम कर दिया।प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और उन्हें कोतवाली थाने जाकर शिकायत दर्ज कराने को कहा। लोग कोतवाली के लिए रवाना हो गए, जिसके बाद चक्काजाम खत्म हुआ।
शहर में तनाव, पुलिस तैनात
जैसे ही पथराव की खबर शहर में फैली, कोतवाली में बड़ी संख्या में लोग जुटने लगे। यहां से कुछ लोग फिर से कर्नलगंज की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रपटे पर रोककर खदेड़ दिया। इसके बाद सभी फिर कोतवाली लौट आए। गुना विधायक पन्नालाल शाक्य भी कोतवाली पहुंचे और सख्त कार्रवाई की मांग की।
कोतवाली में एफआईआर की प्रक्रिया चल रही थी, इसी बीच युवाओं ने जयस्तंभ चौराहे पर एक बार फिर चक्काजाम कर दिया। उस समय वहां से गुजर रहे कलेक्टर किशोर कान्याल और एसपी संजीव कुमार की गाड़ी को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया। दोनों अधिकारी गाड़ी से उतरे और माइक पर आकर लोगों को कार्रवाई की जानकारी दी, तब जाकर लोग वहां से हटे।
हालात पर कड़ी नजर, देर रात तक सतर्कता
हालांकि स्थिति पर काबू पा लिया गया, फिर भी शहर में देर रात तक तनाव बना रहा। बड़ी संख्या में युवा कोतवाली थाने के आसपास डटे रहे। प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए है।
क्या बोले अधिकारी और अगली कार्रवाई
गुना कलेक्टर किशोर कान्याल ने कहा, “पथराव की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। दोनों पक्षों से बातचीत कर शांति स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।” वहीं एसपी संजीव कुमार ने भी भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
FIR में क्या लिखा है?
बीजेपी पार्षद ओमप्रकाश कुशवाह गब्बर ने अपनी FIR में निम्नलिखित विवरण दर्ज कराए हैं:
जुलूस का विवरण: 12 अप्रैल 2025 को हर साल की तरह शाम 4 बजे शिवाजी नगर माता मंदिर से हनुमान जयंती का जुलूस निकला। इसमें करीब 100 लोग शामिल थे, और पीछे एक डीजे चल रहा था।
घटना का समय और स्थान: शाम करीब 7:45 बजे जुलूस कर्नलगंज मस्जिद के पास पहुंचा। उस समय डीजे पर भक्ति भजन चल रहे थे।
विवाद की शुरुआत: कर्नलगंज निवासी विक्की पठान अपने दो-तीन साथियों के साथ आया और डीजे बंद करने व जुलूस को तुरंत आगे बढ़ने के लिए कहने लगा। इसके बाद मस्जिद और आसपास के क्षेत्र से कुछ लोग जमा हो गए, जिससे विवाद शुरू हो गया।
पथराव और हमला: अचानक मस्जिद की छत, विक्की के घर, और आसपास के मकानों से पत्थरबाजी शुरू हो गई। जुलूस में शामिल लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे।
फायरिंग का आरोप: FIR के अनुसार, विक्की के लड़के आमीन ने थार गाड़ी चला रहे रजत ग्वाल पर पिस्टल से फायर किया, जो उनके कान के पास से निकली। सौभाग्यवश रजत को गोली नहीं लगी।
लाठी-लुहांगी से हमला: गुड्डू खान ने रजत पर लुहांगी से वार किया, जिससे उनके हाथ में चोट आई। विक्की पठान, तौफीक खान, गुड्डू खान, और 15-20 अन्य लोगों ने मिलकर पत्थर, लाठी, और लुहांगी से जुलूस पर हमला किया।
घायल लोग: हमले में राजकिशोर, बंटी कुशवाह, अभिषेक धाकड़, विशाल अनोटिया, अनुल अनोटिया, अभिषेक कुशवाह, सुग्रीव सेन, अकुल कुशवाह (पार्षद का 11 वर्षीय बेटा), पवन कुशवाह, और अन्य लोग घायल हुए।
संपत्ति को नुकसान: आरोपियों ने जुलूस में शामिल कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की, जिसमें थार गाड़ी भी शामिल है।
साजिश का आरोप: ओमप्रकाश ने दावा किया कि घटना के वीडियो बनाए गए हैं, और यह हमला पूर्व नियोजित था। उनका कहना है कि यह दंगे की साजिश का हिस्सा हो सकता है।
FIR में विक्की पठान, आमीन, गुड्डू खान, तौफीक खान, और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 109 (हत्या का प्रयास), 296 (सार्वजनिक शांति भंग करना), 324(4) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 125 (शांति भंग करने की मंशा), 191(2-3) (दंगा), 190 (गैरकानूनी जमावड़ा), और 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गुना कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह और एसपी संजीव कुमार सिन्हा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को 15-20 मिनट में नियंत्रित कर लिया। एसपी सिन्हा ने बताया, “पथराव में कुछ लोग घायल हुए हैं। हमने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर असामाजिक तत्वों की पहचान शुरू की है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।”
गिरफ्तारियां: पुलिस ने रविवार, 13 अप्रैल तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी विक्की खान शामिल है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
सुरक्षा व्यवस्था: कर्नलगंज और आसपास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। धारा 144 लागू करने पर विचार चल रहा है।
जांच: पुलिस ने घटना स्थल के वीडियो और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर जांच शुरू की है। जिला मजिस्ट्रेट किशोर कुमार कन्याल ने कहा, “स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है। 2-3 लोग घायल हुए हैं। हम अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हैं।”
दोनों पक्षों के दावे
जुलूस आयोजकों का पक्ष: ओमप्रकाश कुशवाह और जुलूस में शामिल लोगों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक शोभायात्रा निकाल रहे थे। मस्जिद के पास डीजे बजाने पर आपत्ति के बाद अचानक पत्थरबाजी और फायरिंग शुरू हो गई। उनका दावा है कि हमला पूर्व नियोजित था, और छतों पर पत्थर पहले से इकट्ठा किए गए थे।
दूसरे पक्ष का दावा: मस्जिद के आसपास मौजूद लोगों का कहना है कि जुलूस में तेज डीजे और भड़काऊ नारेबाजी से माहौल खराब हुआ। उन्होंने डीजे बंद करने की अपील की थी, लेकिन जब बात नहीं मानी गई, तो विवाद बढ़ गया। हालांकि, फायरिंग के आरोपों पर उनकी ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।