India Pakistan Ceasefire: शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई है। सरकार ने भी युद्धविराम की पुष्टि की है, लेकिन AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने युद्धविराम की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए करता रहेगा, तब तक स्थायी शांति संभव नहीं है।1 उन्होंने कहा कि युद्धविराम हो या न हो, पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा
ओवैसी ने भारतीय सेना और सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि मैं हमेशा बाहरी आक्रमण के खिलाफ सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा रहा हूं और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा। मैं हमारी सेना की बहादुरी और अद्वितीय कौशल की सराहना करता हूं। मैं शहीद जवान एम. मुरली नाइक, एडीसी राज कुमार थापा को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और इस संघर्ष में मारे गए या घायल हुए नागरिकों के लिए प्रार्थना करता हूं।
ओवैसी ने उम्मीद जताई कि युद्धविराम से सीमावर्ती इलाकों के लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ये युद्धविराम सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को कुछ राहत देगा। मुझे ये भी उम्मीद है कि पिछले दो हफ्तों से भारतीयों और भारतीय राजनीतिक दलों को कुछ सबक मिलेगा। भारत तब मजबूत होता है जब भारतीय एकजुट होते हैं; जब भारतीय आपस में लड़ते हैं तो हमारे दुश्मन फायदा उठाते हैं।’
ओवैसी ने सरकार से पूछे 4 सवाल
ओवैसी ने कहा कि मेरे कुछ सवाल हैं और मुझे उम्मीद है कि सरकार उन्हें स्पष्ट करेगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह किसी विदेशी देश के राष्ट्रपति ने युद्धविराम की घोषणा क्यों की? शिमला समझौते (1972) के बाद से भारत हमेशा तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ रहा है, तो अब हमने इसे क्यों स्वीकार किया? मुझे उम्मीद है कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह हमारा आंतरिक मामला है।
- हमने तीसरे स्थान पर बातचीत के लिए क्यों सहमति दी है? इन वार्ताओं का एजेंडा क्या होगा? क्या अमेरिका गारंटी देगा कि पाकिस्तान भविष्य में आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करेगा?
- क्या हमने पाकिस्तान को भविष्य के आतंकी हमलों से रोकने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है या हमारा लक्ष्य सिर्फ युद्धविराम था? क्या हमारा लक्ष्य ट्रंप-ब्रोकर युद्धविराम को सुरक्षित करना था या पाकिस्तान को ऐसी स्थिति में रखना था जहां वह दूसरे हमले का सपना भी न देख सके?
- पाकिस्तान को FATF ग्रे लिस्ट में डालने के लिए हमारा अंतरराष्ट्रीय अभियान जारी रहना चाहिए।
शांति की राह में चुनौतियां
ओवैसी के सवाल वाजिब हैं और ये भारत-पाकिस्तान के रिश्तों की जटिलता को दर्शाते हैं। युद्धविराम एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन स्थायी शांति के लिए दोनों देशों को आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर बातचीत करनी होगी। पाकिस्तान को अपनी जमीन से आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, तभी शांति की उम्मीद की जा सकती है।