22.5 C
London
Wednesday, July 30, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयमोसाद, CIA, रॉ को भूल जाइए, चीन ने बनाया दुनिया का सबसे...

मोसाद, CIA, रॉ को भूल जाइए, चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा जासूसी नेटवर्क, जानें निशाने पर कौन

Published on

बीजिंग

चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) अब दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सक्रिय जासूसी एजेंसी है। इसका खुलासा प्रसिद्ध प्रोग्राम 60 मिनट के एंकर ने 18 मई को किया था। सीबीएस टेलीविजन नेटवर्क पर आने वाला यह प्रोग्राम अपनी खोजी गहराई के लिए जाना जाता है। इसने चीन की वैश्विक जासूसी महत्वकांक्षा की एक स्पष्ट तस्वीर पेश की है, जिसमें बताया गया है कि कैसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी सीमाओं से परे विदेशों में घटने वाली घटनाओं की निगरानी और उन्हें प्रभावित करने के लिए गुप्त एजेंटों के एक विश्वव्यापी नेटवर्क को संचालित करती है। इतना ही नहीं, वह इन एजेंटों के जरिए अमेरिका में चीनी असंतुष्टों की निगरानी और डराने का भी काम करती है।

चीनी खुफिया एजेंसी खतरनाक क्यों है?
यूरेशियन टाइम्स के अनुसार, सीबीएस की रिपोर्ट बताती है कि चीनी खुफिया एजेंसी ने पारंपरिक खुफिया जानकारी जुटाने से कहीं आगे तक अपनी पहुंच का विस्तार किया है। उसने अपने एजेंटों की टीम में पश्चिमी देशों में शिक्षाविदों, व्यवसायों और यहां तक कि स्थानीय सरकारों में भी अपने लोगों को शामिल किया है। चीन के महाशक्ति के रूप में उभरने के साथ ही, इसके जासूसी तंत्र में भी सुधार हुआ है, जो न केवल देशों के रहस्यों को लक्षित करता है, बल्कि एजेंडा भी सेट करता है, टेक्नोलॉजी भी चुराता है और जरूरत पड़ने पर विदेश में आलोचकों को चुप ऊी कराता है।

चीनी खुफिया एजेंसी के निशाने पर कौन
चीनी खुफिया जानकारी का मुकाबला करने का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले पूर्व अमेरिकी राजनयिक जिम लुईस ने सीबीएस न्यज़ को बताया कि चीनी खुफिया एजेंसी के सबसे बड़े टारगेट पर कोई विदेशी सरकार नहीं, बल्कि उसके देश के अपने ही लोग हैं, जो विदेशों में रहते हैं। इनमें खासतौर पर वे लोग शामिल हैं, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार नहीं हैं और चीन की सरकार उन्हें खतरा मानती है। हालांकि, इनके अलावा चीनी खुफिया एजेंसी का दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य अमेरिका है। लुईस ने इस बात पर जोर दिया, “विदेशों में चीनी नागरिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन के लिए एक विशिष्ट संवेदनशील चुनौती का प्रतिनिधित्व करते हैं: जैसे- “वे साजिश रच सकते हैं – ऐसा पहले भी हो चुका है।”

अपने लोगों पर नजर क्यों रखता है चीन?
उन्होंने कहा, “वे किसी शत्रुतापूर्ण विदेशी शक्ति के एजेंट हो सकते हैं, या वे ऐसी सच्चाई को उजागर कर सकते हैं, जिसे शी जिनपिंग नहीं चाहते कि वे जानें। एमएसएस के लिए, वे आवश्यक रूप से प्रत्यक्ष खतरा नहीं हैं, लेकिन एक जोखिम है जिसे प्रबंधित किया जाना चाहिए।” यह दृष्टिकोण हाल ही में CBS न्यूज़ की रिपोर्ट में सामने आए व्यापक पैटर्न को दोहराता है, जिसमें कहा गया था कि “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी सीमाओं से परे की घटनाओं की निगरानी और उन्हें प्रभावित करने के लिए गुप्त एजेंटों के वैश्विक नेटवर्क का लाभ उठाने पर आमादा है, जबकि यहीं अमेरिका में चीनी असंतुष्टों की निगरानी और उन्हें डराना-धमकाना जारी है।”

चीन का एमएसएस कितना बड़ा है?
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की खुफिया एजेंसी न केवल विशाल है, बल्कि यह हर जगह मौजूद है। 1983 में स्थापित मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) चीनी सरकार की सबसे अपारदर्शी शाखाओं में से एक है, जो पारंपरिक रूप से गोपनीयता में लिपटी हुई है और सार्वजनिक चर्चा से काफी हद तक दूर है। हालांकि, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में इसके वैश्विक मौजूदगी की कई घटनाएं सामने आई हैं। 2022 में चेन यिक्सिन के कमान संभालने के बाद से, MSS और भी ज्यादा साहसी और ज्यादा दिखाई देने वाला बन गया है। अब यह एजेंसी अक्सर अपनी शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए प्रचार वीडियो और डिजिटल अभियानों का उपयोग करती है।

चीनी खुफिया एजेंसी के मिशनों को जानें
चीनी खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (MSS) काउंटर इंटेलिजेंस, राजनीतिक सुरक्षा, घरेलू निगरानी और विदेशी खुफिया जानकारी जुटाना—पारंपरिक (मानव खुफिया) और साइबर दोनों जैसे काम को अंजाम देने में माहिर है। यह अपने पश्चिमी समकक्षों जैसे कि अमेरिकी CIA या ब्रिटिश MI6 के विपरीत, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक मिशन, विशेष रूप से आंतरिक नियंत्रण और शासन संरक्षण के प्रति इसके जुनून के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। जिम लुईस कहते हैं, “MSS कुछ हद तक CIA के बराबर है, लेकिन इसके पास बहुत ज्यादा शक्तियां हैं।” “एक अनुमान के अनुसार MSS में 600,000 कर्मचारी हो सकते हैं।”

Latest articles

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप, 4 मीटर ऊंची सुनामी जापान में 20 लाख लोग निकाले गए

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप, 4 मीटर ऊंची सुनामी!...

भारी बारिश के चलते स्कूलों में बुधवार को अवकाश घोषित

भेल भोपालभारी बारिश के चलते स्कूलों में बुधवार को अवकाश घोषित,राजधानी भोपाल के स्कूलों...

भेल कर्मचारियों को वेतन के साथ मिलेगा पीपीपी बोनस

भेल भोपालभेल कर्मचारियों को वेतन के साथ मिलेगा पीपीपी बोनस भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड...

More like this