21.8 C
London
Monday, August 25, 2025
Homeकॉर्पोरेटहम छुटभैयों के चक्कर में पड़े हैं, सोचना है तो चीन के...

हम छुटभैयों के चक्कर में पड़े हैं, सोचना है तो चीन के बारे में सोचो, भारत के बड़े कारोबारी ने क्यों जताई चिंता?

Published on

नई दिल्ली

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन कर दिया तो भारत की जनता की ओर से इन दोनों देशों के बायकॉट का अभियान चल पड़ा। लोगों ने इन देशों की यात्रा और इनकी बनी चीजों के भी बहिष्कार की बातें करनी शुरू कर दी। माहौल ऐसा बना कि सरकार भी दबाव में आती दिखी। पहलगाम आतंकी हमले को देखते हुए भावनात्मक रूप से यह स्वाभाविक ही है। ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद तुर्की में बने ड्रोन का पाकिस्तान ने हमारे खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश की थी। अजरबैजान ने मानवता की कीमत एक आतंकवादी राष्ट्र को साथ देने का फैसला किया। लेकिन, इन सबके बावजूद एक बड़े भारतीय कारोबारी हर्ष मारिवाला ने देशवासियों का सच से सामना कराने की कोशिश की है और उनकी चिंता बहुत ही वाजिब भी है।

सोचना है तो चीन के बारे में सोचो!
मैरिको लिमिटेड के चेयरमैन हर्ष मारिवाला ने साफ तौर पर चेतावनी देने की कोशिश की है कि भारत के लिए तुर्की और अजरबैजान के मुकाबले चीन कहीं बड़ा खतरा है। उन्होंने एक एक्स पोस्ट में लिखा है, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच अभी जो हालात हैं, उससे तुर्की और अजरबैजान के सामान और यात्रा का बहिष्कार करने की बात हो रही है; और ये सही भी है। ये जरूरी है कि हम लगातार इस बात पर ध्यान दें और लंबे समय तक सोचें।’ लेकिन, उन्होंने यह भी कहा, ‘हालांकि, हम सेलेक्टिव नहीं हो सकते।’ उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, ‘चीन, पाकिस्तान को बहुत मदद कर रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। यह मदद पैसे और सेना दोनों तरह से है। इसका भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। इसलिए एक बड़ा सवाल उठता है। क्या हम हर चीज का बराबर बहिष्कार कर रहे हैं? या हम कुछ चीजों को ही छोड़ रहे हैं?

भारत के लिए चीन हमेशा बना है चुनौती
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान ने तुर्की के ड्रोन के अलावा जितने भी फाइटर जेट, मिसाइलें, ड्रोन और अन्य हथियार इस्तेमाल किए, उनमें से अधिकांश चीन ने ही उसे उपलब्ध करवाए हैं। ऐसी भी रिपोर्ट है कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ चीन सैटेलाइट सहायता भी दे रहा था। यूं कह लें कि पाकिस्तान के पीछे ड्रैगन ही नकाब पहनकर भारत के सैन्य और रिहायशी ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा था। यह भारत की सैन्य ताकत है कि दुश्मनों का मंसूबा पूरी तरह से फेल हो गया। लेकिन, इतने भर से चीन के नापाक इरादों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। खासकर तब जब 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी का खूनी संघर्ष हम आज भी नहीं भूले हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन बार-बार भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश करता आया है। कभी लद्दाख में, कभी उत्तराखंड में, कभी भूटान की सीमा पर सिक्किम के पास तो कभी अरुणाचल प्रदेश के नजदीक।

पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी बेहतर हो रही है
चीन जिस तरह से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करता जा रहा है, मिलिट्री लॉजिस्टिक मजबूत करने में लगा है। बेहतर रोड और एयरफील्ड तैयार कर रहा है और अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम लगा रहा है, वह भविष्य में किसी भी समय नई परेशानियों को जन्म दे सकता है। इस बात में कोई दे राय नहीं कि भारत ने भी पिछले कुछ वर्षों में अपनी सैन्य ताकत को बहुत ज्यादा मजबूत कर लिया है। लेकिन, हम यह ना भूलें कि चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) अब पहले से ज्यादा आधुनिक हो गई है। कई मामलों में उनके पास भारत से अधिक सैनिक और बेहतर तकनीक है।

भारत पर व्यापारिक अटैक भी कर रहा चीन
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन के बीच व्यापार में बड़ा अंतर हो चुका है। मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2024-25 में भारत को चीन के साथ 99.2 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ। व्यापार के आंकड़ों से यह पता चला है। इसकी मुख्य वजह है, इलेक्ट्रॉनिक सामान और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का आयात बढ़ना। मतलब, चीन की वास्तविकता जानते हुए भी हम आज भी कुछ चीजों के लिए उसी पर निर्भर हैं। इससे हमें बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है और हमारे ही पैसों से चीन अपने सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में लगा है और उसी से पाकिस्तान को भी मदद दे रहा है। इसकी जड़ में यह बात है कि हम चीन के सस्ते सामान के चक्कर में पिछड़ते जा रहे हैं।

विकसित भारत के संकल्प में सबसे बड़ी बाधा है चीन!
चीन हमारे खिलाफ पाकिस्तान की मदद तो कर ही रहा है, वह बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव से लेकर म्यांमार तक का इस्तेमाल हमारे विरोध में करने के चक्कर में पड़ा हुआ है। अक्साई चिन पर उसने पहले ही अवैध कब्जा कर रखा है और अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भी बहाने-बहाने से घुसने की कोशिशों में जुटा है। दक्षिण चीन सागर में तो उसने दुनिया भर के देशों की नाक में दम किया है तो बंगाल की खाड़ी से लेकर हिंद महासागर तक पर भी उसकी गंदी नजर है। सबसे बड़ी बात ये कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषाद (UNSC) का स्थायी सदस्य है, जहां वह हमारे किसी भी काम में अड़ंगा लगाने के लिए तैयार बैठा है। मौजूदा केंद्र सरकार 2047 तक जिस विकसित भारत का संकल्प लेकर चल रही है, उसमें चीन सबसे बड़ी बाधा बन सकता है, जिससे निपटने के लिए बेहतरीन कूटनीति ही सबसे सटीक मारकर हथियार हो सकता है।

Latest articles

Sant Premanand News: संत प्रेमानंद महाराज को किडनी दान करना चाहते हैं मुस्लिम युवक, लिखा भावुक पत्र

Sant Premanand News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के एक मुस्लिम युवक ने संत...

गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान संशोधन विधेयक पर दिया इंटरव्यू: विपक्ष पर साधा निशाना

गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान संशोधन विधेयक पर दिया इंटरव्यू: विपक्ष पर साधा...

भोजपाल गरबा महोत्सव दूसरा साल, जम्बूरी मैदान पर सात दिनों तक होगी आराधना

भगवान गणेश की वंदन और पूजन के साथ शुरू हुआ गरबा प्रशिक्षण, पहले ही...

भगवान भरोसे देश का भविष्य रुपयों की बर्बादी,चिचला गाँव में, स्कूल भवन में रात में जमती है शराबियों की महफिल

बड़वाह।भगवान भरोसे देश का भविष्य रुपयों की बर्बादी,चिचला गाँव में, स्कूल भवन में रात...

More like this

EPFO का बड़ा फैसला: डैथ रिलीफ फंड अब ₹15 लाख, हर साल 5% बढ़ेगी राशि

नई दिल्ली। EPFO : कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत की बड़ी खबर...

Income Tax Filing Easy Trick: ITR फाइलिंग हुई आसान Jio Finance App से घर बैठे ₹24 में भरें इनकम टैक्स रिटर्न

Income Tax Filing Easy Trick: हर साल जब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने...

अदानी एंटरप्राइजेज (AEL) का Q1 FY26 में शानदार प्रदर्शन उभरते कारोबार ने EBITDA में 74% का योगदान दिया

अदानी एंटरप्राइजेज (AEL) का Q1 FY26 में शानदार प्रदर्शन उभरते कारोबार ने EBITDA में...