MP MLA Loan Scheme:मध्य प्रदेश के विधायकों के लिए एक बड़ी ख़ुशख़बरी सामने आई है। पाँच साल के बाद, राज्य सरकार विधायकों को घर और गाड़ी ख़रीदने के लिए मिलने वाले क़र्ज़ पर ब्याज में छूट देने जा रही है। यह सुविधा पहले 15वीं विधानसभा के दौरान दी गई थी, लेकिन कोरोना के चलते योजना को रोक दिया गया था।
अब 16वीं विधानसभा (2023-2028) के निर्वाचित विधायकों की मांग पर यह व्यवस्था फिर से शुरू की जा रही है। पहले जहाँ वाहन के लिए अधिकतम ₹15 लाख और आवास के लिए ₹25 लाख के क़र्ज़ पर सब्सिडी मिलती थी, वहीं अब सरकार इसे बढ़ाकर वाहन के लिए ₹25 लाख और घर के लिए ₹50 लाख करने जा रही है। हालाँकि, ब्याज सब्सिडी की शर्तों में थोड़ा बदलाव किया गया है।
विधायकों को घर और गाड़ी पर मिलेगा ‘ब्याज में भारी छूट’
मध्य प्रदेश के विधायकों को अब घर और गाड़ी ख़रीदना आसान हो जाएगा। राज्य सरकार एक नई योजना लाने की तैयारी में है, जिसके तहत उन्हें इन ज़रूरतों के लिए लिए गए क़र्ज़ पर ब्याज में बड़ी राहत मिलेगी। ये वो सुविधा है जो पहले कोरोना काल में रोक दी गई थी, लेकिन अब विधायकों की लगातार मांग पर इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। ये ख़बर उन विधायकों के लिए ख़ास तौर पर अहम है, जो पहली बार चुनकर आए हैं या पिछली बार इस योजना का फ़ायदा नहीं उठा पाए थे।
दो श्रेणियों में ‘ब्याज सब्सिडी’ का नया फ़ॉर्मूला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत दो श्रेणियाँ बनाई गई हैं। यदि कोई विधायक ₹15 लाख से ज़्यादा की गाड़ी या ₹25 लाख से ज़्यादा का घर ख़रीदने के लिए क़र्ज़ लेता है, तो सरकार केवल 2 फ़ीसदी ब्याज में छूट देगी। बाक़ी का ब्याज विधायक को ख़ुद भरना होगा।
दूसरी ओर, यदि कोई विधायक इससे कम राशि का क़र्ज़ लेता है, तो उसे पहले की तरह केवल 4 फ़ीसदी ब्याज देना होगा और बाक़ी का ब्याज सरकार भरेगी। सरकार का मानना है कि जो विधायक ज़्यादा राशि का क़र्ज़ लेने की स्थिति में हैं, वे थोड़ा ज़्यादा ब्याज भर सकते हैं, इसीलिए यह नई व्यवस्था की गई है।
कैबिनेट में ‘प्रस्ताव’ पेश होने की तैयारी
इस प्रस्ताव को वित्त विभाग ने सैद्धांतिक रूप से मंज़ूरी दे दी है, जिसे संसदीय कार्य विभाग से संशोधित रूप में भेजा गया था। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बीच हुई चर्चा के बाद यह प्रस्ताव आगे बढ़ा।
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विधायकों की सुविधाओं से संबंधित समिति ने भी इस पर सहमति जताई। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अनुमति के बाद संसदीय कार्य विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा और अब इसे अंतिम मंज़ूरी के लिए कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।
विधायकों को ‘वित्तीय राहत’, सरकारी ख़ज़ाने पर ‘कम बोझ’
यह फ़ैसला विधायकों को वाहन और आवास ख़रीदने में निश्चित तौर पर वित्तीय राहत देगा। ख़ासकर उन विधायकों को जो पहली बार निर्वाचित हुए हैं या पिछली बार इस योजना से वंचित रह गए थे, उन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा।
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हालाँकि, सरकार ने अनुदान के संबंध में साफ़ कर दिया है कि जो विधायक ज़्यादा क़र्ज़ लेंगे, उन्हें अपेक्षाकृत ज़्यादा ब्याज ख़ुद भरना होगा। इससे सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ भी कम होगा और ज़रूरतमंद विधायकों को भी राहत मिलेगी। अब सभी की निगाहें कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं, जहाँ इस प्रस्ताव पर अंतिम फ़ैसला लिया जाएगा।
अस्वीकरण (Disclaimer):यह ख़बर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों के लिए प्रस्तावित क़र्ज़ योजना से संबंधित है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी सूत्रों से प्राप्त ‘प्रस्तावित’ विवरणों पर आधारित है। कृपया ध्यान दें कि यह योजना अभी कैबिनेट की अंतिम मंज़ूरी का इंतज़ार कर रही है और इसमें बदलाव संभव हैं। अंतिम निर्णय और पूरी जानकारी के लिए सरकार की आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें।
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