NIA : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन अलग-अलग ठिकानों पर छापे मारे. एजेंसी ने हिज़्ब-उत-तहरीर (HUT) संगठन से जुड़े संदिग्ध आतंकवादियों के ठिकानों पर शनिवार तड़के एक साथ छापेमारी शुरू की जो पूरे दिन जारी रही. इस दौरान NIA द्वारा कुछ संदिग्ध डिजिटल डिवाइस ज़ब्त करने की भी खबर है. यह कार्रवाई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश से जुड़ा हिज़्ब-उत-तहरीर देश में सरकार को उखाड़ फेंककर एक इस्लामी राज्य स्थापित करने की साजिश रच रहा था. ये लोग कमज़ोर तबके के युवाओं का ब्रेनवॉश करने का काम कर रहे थे. युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की साज़िश रची जा रही थी जो देश के लिए एक गंभीर ख़तरा है.
भारत में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे विभिन्न आतंकी संगठन
NIA द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह तलाशी NIA द्वारा दर्ज किए गए एक मामले का हिस्सा थी जो भारत में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे विभिन्न आतंकवादी और कट्टरपंथी नेटवर्क और संगठनों को नष्ट करने के प्रयासों का हिस्सा थी. यह छापेमारी हिज़्ब-उत-तहरीर की कमजोर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साज़िश से संबंधित है. यह दर्शाता है कि NIA देश विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है.
भोपाल में पहले भी पकड़े गए हैं कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े लोग
केंद्र सरकार ने हिज़्ब-उत-तहरीर संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह संगठन देश में शरिया कानून लागू करने की साजिश रच रहा था. जांच एजेंसियों ने भोपाल में उनकी मौजूदगी की जानकारी पर पहले भी इसके सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की है. भोपाल शहर में पहले भी कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भोपाल कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए एक संभावित ठिकाना बन रहा है जिस पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी नज़र है
NIA की कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम
NIA की यह छापेमारी देश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ऐसे कट्टरपंथी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाना बेहद ज़रूरी है जो देश में अस्थिरता और अराजकता फैलाना चाहते हैं. डिजिटल डिवाइसों की ज़ब्ती से आगे की जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है जिससे इस संगठन के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा.
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युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की साज़िश समाज के लिए ख़तरा
हिज़्ब-उत-तहरीर जैसे संगठन युवाओं को गुमराह कर उन्हें कट्टरपंथी बनाने की साज़िश रचते हैं. यह न केवल देश की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि हमारे समाज के ताने-बाने को भी नुकसान पहुँचाता है. ऐसे में अभिभावकों और शिक्षण संस्थानों को भी युवाओं पर नज़र रखने और उन्हें सही मार्गदर्शन देने की ज़रूरत है ताकि वे ऐसी गलत विचारधाराओं के बहकावे में न आएं.
अस्वीकरण: यह खबर मीडिया रिपोर्ट्स और NIA द्वारा जारी शुरुआती बयानों पर आधारित है. जांच अभी जारी है और पूरी जानकारी सामने आने में समय लग सकता है.