Monsoon Heath Tips:आजकल युवाओं में भी जोड़ों और हड्डियों के दर्द की समस्या आम हो गई है. यह आज के समय में एक सामान्य बात है. लेकिन कभी-कभी मॉनसून के मौसम में यह समस्या ज़्यादा देखी जाती है. दरअसल, मॉनसून के दौरान तापमान गिर जाता है, जिससे वातावरण ठंडा हो जाता है. इसके साथ ही, इस मौसम में सूर्य का प्रकाश भी कम मिलता है, जिससे हमारे शरीर को पर्याप्त विटामिन-D नहीं मिल पाता. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो विशेषज्ञों द्वारा बताए गए इन आसान तरीक़ों को ज़रूर आज़माएँ.
विशेषज्ञ क्या कहते हैं मॉनसून में योगासन है ज़रूरी
क्षेमवन नेचुरोपैथी और योग सेंटर के डॉ. नरेंद्र के. शेट्टी के अनुसार, मॉनसून में योग करना ज़रूरी है. क्योंकि योग जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है और आप मानसिक व शारीरिक रूप से फ़िट रहते हैं. यहाँ वे कुछ आसान योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप घर पर भी कर सकते हैं.
जोड़ों के दर्द के लिए तीन प्रभावी योगासन
1. वज्रासन (Vajrasana)
वज्रासन करने के लिए सबसे पहले एक मैट लें. उसके बाद, मैट पर अपने घुटनों के बल बैठ जाएँ और दोनों घुटनों को साथ में रखें तथा पैरों की उँगलियों के बीच थोड़ी दूरी बनाएँ. इसके बाद, सीधी मुद्रा में बैठें. अब अपने हाथों को जांघों पर रखें, आँखें बंद करें और 5 से 10 मिनट तक गहरी साँसें लें. इस योगासन को रोज़ाना करने से जोड़ों के दर्द में बहुत राहत मिल सकती है. इसके साथ ही, यह पैरों को भी मज़बूत बनाता है.
2. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana / Bridge Pose)
इसे करने के लिए, अपनी पीठ के बल लेट जाएँ और पैरों को घुटनों से मोड़कर पैरों के बीच दूरी बनाएँ. इसके बाद, गहरी साँस लें और कूल्हों को ऊपर उठाएँ, पैरों और हाथों को फ़र्श पर रखें. 15 से 20 सेकंड के लिए रुकें, फिर धीरे-धीरे अपने कूल्हों को नीचे लाएँ. इस योगासन को करने से पैर, घुटने और कूल्हे मज़बूत होते हैं और कमर की जकड़न दूर होती है.
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3. ताड़ासन (Tadasana)
दोनों पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएँ, फिर साँस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएँ और पंजों के बल खड़े हो जाएँ. इस मुद्रा में 10 से 15 मिनट तक खड़े रहें और फिर अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ जाएँ. यह आसन शरीर को सही मुद्रा में रखता है. यह रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद करता है और इसके साथ ही शरीर का संतुलन भी बना रहता है.
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डिस्क्लेमर: यहाँ दी गई जानकारी सिर्फ़ सामान्य सलाह के तौर पर है और किसी भी चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है. जोड़ों या हड्डियों में गंभीर दर्द होने पर हमेशा किसी योग्य डॉक्टर या फ़िज़ियोथेरेपिस्ट से सलाह लें. योग शुरू करने से पहले, अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार किसी विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लेना उचित होगा.