नई दिल्ली।
संसद में हंगामा: सरकार ने 130वाँ संविधान संशोधन सहित तीन अहम बिल पेश किए, विपक्ष का विरोध,मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने मंगलवार को तीन बड़े विधेयक पेश किए—130वाँ संविधान (संशोधन) विधेयक, गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज़ (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक। पेशकश के दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध किया। कुछ सांसदों ने बिल की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर उछालने का भी प्रयास किया, जिससे सदन में तीखा हंगामा हुआ।
क्या है मामला
सरकार ने कहा कि इन विधेयकों का उद्देश्य शासन-व्यवस्था को “अधिक जवाबदेह और सुचारु” बनाना है।
चर्चा में मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों से जुड़े पद एवं पात्रता नियमों में बदलाव का प्रस्ताव प्रमुख रहा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इससे संघीय ढांचे और राज्यों की स्वायत्तता प्रभावित होगी।
यूनियन टेरिटरीज़ कानून में बदलाव का मसौदा प्रशासनिक ढांचे को स्पष्ट करने से जुड़ा है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून में संशोधन केंद्र-शासित प्रदेश की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अद्यतन करने से संबंधित बताया गया।
सदन में क्या हुआ
विपक्षी दलों ने नारेबाज़ी की और कार्यवाही स्थगित करने की मांग की।
हंगामे के बीच स्पीकर/अध्यक्ष ने व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी।
भारी शोर-शराबे में बिलों की औपचारिक पेशकश पूरी हुई; विस्तृत चर्चा अगली कार्यवाही में होने की संभावना है।
किन-किन प्रावधानों पर चर्चा गरम
सीएम व मंत्रियों के पद: पात्रता/पद धारण से जुड़े प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव; विपक्ष का कहना है कि इससे राज्यों के अधिकार प्रभावित होंगे।
केंद्र शासित प्रदेश कानून (1963) में संशोधन: प्रशासकीय दायित्वों व नियमों की स्पष्टता।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (2019) में संशोधन: प्रशासनिक ढांचे को अद्यतन करने वाले प्रावधान।
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सरकार और विपक्ष के बयान (मुख्य बिंदु)
सरकार: सुधारों से शासन और जवाबदेह होगा; कानूनी अस्पष्टताएँ दूर होंगी।
विपक्ष: प्रक्रियागत जल्दबाज़ी और संघीय ढांचे में दखल का आरोप; बिलों को विस्तृत जांच के लिए भेजने की मांग।
आगे क्या
बिलों को संबंधित प्रक्रियाओं/समिति के पास भेजे जाने और विस्तृत चर्चा के बाद मतदान की संभावना है।
संबंधित प्रावधानों पर सरकार स्पष्टीकरण दे सकती है; विपक्ष संशोधन नोटिस लाने की तैयारी में है।