Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा होते ही NDA और महागठबंधन दोनों ही सीट शेयरिंग पर फोकस कर रहे हैं. हालांकि दोनों ही गठबंधनों में अभी तक सीटों का बँटवारा सुलझ नहीं पाया है. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है. सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन ने सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय कर लिया है. इस फॉर्मूले के तहत, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के हिस्से में 130 से 135 सीटें आने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस को 55 से 58 सीटें मिल सकती हैं.
तेजस्वी के आवास पर आज अंतिम मुहर
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए आज 8 अक्टूबर को शाम 7 बजे अपने सरकारी आवास पर महागठबंधन के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई है. यह उम्मीद की जा रही है कि आज की बैठक में सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लग जाएगी और आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
VIP और वाम दलों को मिलीं इतनी सीटें
RJD और कांग्रेस के अलावा, इस सीट शेयरिंग फॉर्मूले में VIP (विकासशील इंसान पार्टी) और वाम दलों (Left Parties) को भी सीटें आवंटित की गई हैं. महागठबंधन VIP को 14 से 18 सीटें देने पर सहमत हो सकता है, जबकि वाम दलों के लिए 30 से 32 सीटें छोड़ी जा सकती हैं. इसके अलावा, RJD अपने कोटे से JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को तीन सीटें और पशुपति पारस को दो सीटें आवंटित करेगी. VIP प्रमुख मुकेश सहनी सीटों की संख्या कम होने पर सहमत हो गए हैं, लेकिन वह उपमुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं.
कांग्रेस ने सीएम उम्मीदवार पर क्या कहा?
कांग्रेस सांसद तनूज पुनिया ने पुष्टि की है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ‘इंडिया गठबंधन’ के भीतर सीट शेयरिंग आज शाम तक फाइनल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी सहयोगी दलों के बीच सहमति बन रही है. पुनिया ने सीएम उम्मीदवार पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि RJD ने भले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार माना है, लेकिन कांग्रेस का तरीका हमेशा से अलग रहा है.
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सीएम उम्मीदवार पर कांग्रेस का रुख साफ
तनूज पुनिया ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती है. इसके बजाय, विधायकों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है. उन्होंने कहा कि RJD अपने नेता तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार मान रही है, लेकिन कांग्रेस की प्रक्रिया संस्थागत और लोकतांत्रिक है. इससे यह साफ होता है कि भले ही RJD नेतृत्व कर रही हो, कांग्रेस अभी भी अपनी पार्टी के भीतर की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्राथमिकता देगी.