ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) एक गंभीर बीमारी है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है. इस कैंसर में स्तन के ऊतकों (Breast Tissue) में कैंसर कोशिकाएँ पनपने लगती हैं. अच्छी बात यह है कि इस कैंसर के शुरुआती चेतावनी संकेत जल्द ही दिखाई देने लगते हैं. इसलिए, समय रहते इन लक्षणों को पहचानना और गंभीर होने से पहले इलाज शुरू करना बहुत ज़रूरी है.
1. ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
स्तन कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में थोड़े भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य संकेत हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए:
- गांठ का बनना (Lump Formation): स्तन में छोटी या बड़ी गांठ का बनना शुरुआती और प्रमुख लक्षण है. छूने पर इन गांठों में दर्द भी हो सकता है.
- निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की ओर धँस जाना (Sunken) या उसका मुड़ा हुआ (Bent) दिखाई देना.
- त्वचा के रंग में बदलाव: स्तन की त्वचा का रंग गुलाबी या लाल दिखाई देना. त्वचा पर सफेद धब्बे भी दिख सकते हैं.
- त्वचा का छिलना/पपड़ी: स्तन की त्वचा का छिलना या पपड़ी (Flake or Crust) जैसा उतरना.
- स्तन के आकार में परिवर्तन: दोनों स्तनों के आकार में स्पष्ट अंतर दिखना (एक का छोटा या बड़ा दिखना).
- संतरे के छिलके जैसी बनावट (Orange-peel Texture): स्तन की त्वचा पर गड्ढेदार या खुरदरी बनावट महसूस होना.
2. किन लोगों को है ब्रेस्ट कैंसर का ज़्यादा खतरा?
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक कई हो सकते हैं, जिन्हें जानना ज़रूरी है:
- लिंग (Gender): महिलाओं में पुरुषों की तुलना में खतरा बहुत अधिक होता है.
- पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में पहले किसी को कैंसर हुआ है, तो जोखिम बढ़ जाता है.
- ज्यादा वज़न: मोटापा (Obesity) भी एक बड़ा जोखिम कारक है.
- उम्र: 55 वर्ष की आयु के बाद मेनोपॉज (Menopause) शुरू होने पर खतरा बढ़ जाता है.
3. मासिक धर्म और जोखिम
जिन लड़कियों में मासिक धर्म (Menstruation) 12 वर्ष या उससे पहले शुरू हो जाता है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा थोड़ा अधिक होता है. यह हार्मोन्स में बदलाव से जुड़ा होता है. इसके अलावा, जिन महिलाओं के स्तन ऊतक (Dense Tissues) घने होते हैं, उन्हें भी अधिक जोखिम होता है.
4. जीवनशैली से जुड़े जोखिम कारक
शराब का सेवन करने से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. यदि किसी को पहले कैंसर हो चुका है, तो उसे दोबारा इस कैंसर का खतरा अधिक रहता है. इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत आवश्यक है.
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5. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कैसे करें?
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए नियमित जांच (Regular Screening) सबसे ज़रूरी है. महिलाओं को अपने स्तनों की स्वयं जांच करते रहना चाहिए. किसी भी गांठ या बदलाव को महसूस करने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. शुरुआती पहचान से इलाज की सफलता की संभावना बहुत बढ़ जाती है.