नई दिल्ली ।
बीएचईएल के कई वरिष्ठ अधिकारी अब केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच के दायरे में आ गए हैं। एंटी-करप्शन ब्रांच, हैदराबाद ने रामागुंडम एनटीपीसी साइट पर हुए ठेके से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर लगभग 35.03 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला दर्ज किया है। यह मामला तब उजागर हुआ जब भेल—पीडब्ल्यूडब्ल्यूआर नागपुर के अतिरिक्त महाप्रबंधक हरीश कुमार गुप्ता ने सीबीआई को शिकायत दी। शिकायत में कहा गया कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच रामागुंडम परियोजना की दो 800 मेगावाट इकाइयों के निर्माण कार्यों में अनियमित भुगतान, फर्जी दस्तावेज़ और ठेके की हेराफेरी की गई।
सीबीआई ने जांच में जिन अधिकारियों को आरोपी बनाया है, उनमें शामिल हैं सुनील कुमार कोडपे एजीएम, भेल, रामागुंडम साइट सज्जन कुमार सोनी, प्रबंधक भेल,अशुतोष प्रेमचंद जुमांके उप प्रबंधक भेल,राजीव चक्रवर्ती महाप्रबंधक भेल,बीसी तुडू,एजीएम भेल इन अधिकारियों के अलावा पावर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ कंपनी के ठेकेदारों और एनटीपीसी व भेल के कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को भी संदेह के दायरे में लिया गया है। शिकायत में कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों और बढ़े हुए भुगतान के ज़रिए करीब 35.03 करोड़ रुपये की रकम का दुरुपयोग किया गया।
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इससे भेल को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचा, जबकि संबंधित अधिकारी और ठेकेदार लाभान्वित हुए। सीबीआई ने इस पूरे मामले में आपराधिक साजिश, पद के दुरुपयोग, जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह के मामले सामने आने के बाद बीएचईएल का शीर्ष प्रबंधन अलर्ट मोड पर है । अब उनकी गुप्तचर ऐजेंसी सिर्फ साईडो पर ही नहीं बल्कि बीएचईएल की यूनिटों पर भी नजर बनाये हुये हैं ।

